प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 27 मार्च 2021
छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर अब लगातार बढ़ते जा रहा है । इसको देखते हुए राज्य सरकार तमाम तरह की तैयारियों में लगी है, लेकिन देखते ही देखते रायपुर के एम्स और मेकाहारा जैसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल के वेंटिलेटर बेड अब फुल होते जा रहे हैं । ऐसे में समझा जा सकता है कि आने वाले दिनों में स्थिति कैसे रहने वाली है । आपको बताते चले की रोड सेफ्टी क्रिकेट टूर्नामेंट में रायपुर में खेलने वाले सचिन तेंदुलकर को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है ।
छत्तीसगढ़ में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। रायपुर और दुर्ग की स्थिति तो बेहद भयानक स्थिति है। राजधानी रायपुर के सरकारी अस्पतालों में अब बेड करीब-करीब भरते जा रहे हैं। रायपुर की सीएमएचओ मीरा बघेल ने राजधानी में कोरोना की स्थिति को बेहद भयावह बताया है। मीरा बघेल ने बताया है कि राजधानी के दो बड़े अस्पतालों में अब वेंटिलेटर के बेड भर चुके हैं।
सीएमएचओ मीरा बघेल ने अपने वीडियो संदेश में बताया है कि लोग लक्षणों को इग्नोर करते हैं, देर से जांच कराते हैं, मरीजों के लिए बहुत मुश्किल हो जाता है। आज के वक्त में एम्स के सारे वेंटिलेटर बेड भर चुके हैं, मेकाहारा के सारे वेंटिलेटर बेड भर चुके हैं। माना के वेंटिलेटर बेड को शुरू किया गया है। ये एक बहुत ही भयानक स्थिति है, अभी भी वक्त है, अगर हम सावधानी बरतेंगे तो बेड की मारामारी से बच सकते हैं।
कोरोना ने पिछली बार की तुलना में इस बार अपने लक्षण काफी बदल लिये हैं। सीएमएचओ के मुताबिक, अगर कमर में दर्द है, या फिर शरीर में दर्द है तो ये भी कोरोना के लक्षण हो सकता है।उसी तरह चार-पांच दिनों से सुस्ती, कमजोरी आ रही है, तो आप नहीं सोच पाएंगे कि ये कोरोना के लक्षण हैं, लेकिन ये भी कोरोना के लक्षण हैं। अगर इन लक्षणों को इन्नाोर करते हैं या जांच नहीं कराते हैं तो आपकी जान बचाना बेहद मुश्किल हो जाती है।
60 वर्ष से अधिक उम्र वालों को होम आइसोलेशन नहीं
कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से होम आइसोलेशन संबंधी नए निर्देश जारी किए गए हैं। सभी जिलों के होम आइसोलेशन के नोडल अधिकारियों को गत दिवस वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देश दिए गए कि संक्रमितों को होम आइसोलेशन के लिए अनुमति तभी दी जाए जब प्रभारी यह आश्वस्त हो जाएं कि मरीज घर में रहकर कोविड प्रोटोकाल, आइसोलेशन के नियमों का पालन करेगा। अनुमति देने के बाद मरीज के घर तत्काल दवाई पहुंचानी चाहिए।
60 वर्ष से अधिक उम्र के और अन्य गंभीर बीमारी वाले व्यक्तियों को यह अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। मरीज या उनकी देखभाल करने वाला व्यक्ति यदि आक्सीजन स्तर की जांच, तापमान आदि ले पाने में सक्षम नहीं हो तो उन्हे अस्पताल में ही भर्ती कराना चाहिए। दूर-दराज के इलाकों में जहां पास में स्वास्थ्य सुविधा नहीं हो उन्हें भी अस्पताल में ही भर्ती करने की सलाह देनी चाहिए