प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 24 जनवरी 2022
बलौदाबाजार जिले में सीमेंट संयंत्रों की बाढ़ है लेकिन किसान कभी मुआवजे को लेकर तो कभी अन्य मांग को लेकर सीमेंट संयंत्रों के खिलाफ प्रदर्शन करते नजर आ ही जाते हैं । प्रशासन और सीमेंट संयंत्रों की मिलीभगत से परेशान आदिवासी किसान जिले मे स्थापित सीमेंट संयंत्रों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत का सीधा प्रहार क्षेत्र के किसानों पर पड़ रहा है ऐसा ही मामला फिर सामने आया है जब ग्राम गुमा के किसान ,जो अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र और जिला प्रशासन के बीच पीस रहे है । किसान विगत 11 वर्षों से अपने जमीन की मुआवजा के लिए परेशान है ।
किसानों का कहा हैं जमीन सीमेंट संयंत्र के माइंस और कंपनी के बीच फंस गयी है और वे न तो अपनी जमीन मे ठीक से खेती नहीं कर पा रहे है जिससे उनकी आर्थिक हालत दयनीय हो रही है। किसानों का कहा हैं कि फसल नही होने से कर्जा बढ़ रहा है, ऐसे मे अब किसान माइंस किनारे अपनी जमीन पर धरने पर बैठ गये है और तब तक नही उठने की बात कह रहे है जब तक उन्हें न्याय नही मिल पाता ।
धरने पर बैठे आदिवासी किसानों ने बताया कि उनके साथ प्रशासन के अधिकारी और अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र अन्याय कर रहा है विगत ग्यारह वर्षों से हमलोग परेशान है हमारी जमीन के एक ओर माइंस का खदान है तो दुसरी ओर कंपनी दोनो के बीच हमारी खेत है जहाँ हम खेती नही कर पा रहे है और नही हमारी जमीन नहीं बिक रही है । इसको लेकर हमलोग अनेकों बार आवेदन दे चूके है पर सुनवाई नही हो रही ।किसानों ने बताया कि एसडीएम तीर्थराज अग्रवाल के समय सरफेस राईट के तहत 34 लाख रू प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा पत्रक तैयार हुआ था, जिसे बाद में कैंसिल कर दिया गया तब से हमलोग परेशान है ।
किसानों ने बताया कि कलेक्टर से लेकर मुख्य सचिव तक आवेदन दे चूके है पर सुनवाई नहीं हो रही है. वही कंपनी के अधिकारी हठधर्मिता दिखाते हुए बगैर मुआवजा के हमारी जमीन का उपयोग कर रहे है ।किसानों ने कहा कि हमारी जमीन के एक ओर माइंस है जहाँ विस्फोट होते रहता है और हम लोग जान हथेली मे रख खेती करने का प्रयास करते है पर खेती भी नही हो पा रही है बाजु मे माइंस होने के कारण पानी सुख जाता है । किसानों ने कहा कि कलेक्टर के यहाँ जाओ तो सुनवाई नहीं होती है कारण कानून का ज्ञान नही है इसलिए हमलोग हमारे ही पहचान के प्रभाकर मिश्रा को मुख्तार बनाये है जो हमारे हक के लिये लड़ रहा है । किसानों ने आरोप लगाया कि कंपनी के लोग बलपूर्वक हमारे ही साथी के जमीन मे शौचालय बना दिये है जिससे वह खेती नही कर पा रहे है ।
किसानों ने कहा कि इन सब समस्यायों को लेकर हमलोग धरना प्रदर्शन कर रहे है ताकि प्रशासन हमारी सुने । इस संबंध में आदिवासी किसान मुख्तियार प्रभाकर मिश्रा ने बताया कि आदिवासी किसानों की मांग जायज है कंपनी सलफेट राइट एक्ट के तहत आवेदन नही दे रही है जो उचित नही है जिसके कारण इन्हें न्याय नही मिल पा रहा है, कलेक्टर भी आदिवासी किसानों का मजाक उड़ा रहे है इसी बात को लेकर आदिवासी किसान अपनी जमीन पर धरने पर बैठे है । इस संबंध में अपर कलेक्टर राजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि जानकारी मिली है सोमवार को उन्हें बुलाया गया है जिसके बाद मामले का हल निकाल लिया जायेगा ।