दीपक यादव
महासमुंद, 20 मार्च
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से बड़ी खबर आ रही है जहां महासमुंद साइबर सेल में पदस्थ एएसआई विकास शर्मा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है । दरअसल, घर के बाहर हो रहे विवाद में बीच-बचाव करने निकले एसआई युवकों को समझाते अचानक गिर पड़े । आनन-फानन में एएसआई शर्मा को शहर के निजी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के लिए भर्ती कराना पड़ा लेकिन दुर्भाग्यवश उपचार के दौरान ही उनकी मौत हो गई ।
इस संबंध में जिले के पुलिस कप्तान विवेक शुक्ला ने जानकारी देते बताया कि मृतक एसआई शर्मा के शरीर पर कोई भी चोट के निशान नहीं है । अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल जाएगा कि आखिर मौत का कारण क्या था?
विकास शर्मा नारकोटिक्स सेल में वे एएसआइ के पद पर सेवारत थे। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। करीब 45 मिनट बाद रात सवा 11 बजे डॉ विमल चोपड़ा ने उनके देहावसान की जानकारी दी।
महासमुंद के मूल निवासी 41 वर्षीय विकास शर्मा छात्र जीवन से बॉक्सिंग के खिलाड़ी रहे। उन्होंने अपने बेहतर खेल से कई मेडल अपने नाम किया। पुलिस विभाग में आरक्षक के रूप में भर्ती पर प्रशिक्षण केंद्र में अच्छे प्रदर्शन से उन्हें सीधा प्रधान आरक्षक की पदोन्नति मिली। बाद से वे क्राइम ब्रांच में सेवा देते रहे। वे सभी टास्क पर अपने अधिकारियों के विश्वास पर खरा उतरते रहे। एक टास्क में खुद व एक सिपाही, एक नगर सैनिक के साथ दिल्ली जाकर चिटफंड कंपनी एचबीएन के डायरेक्टर अमरिंदर सिंह को दिल्ली से ही अपने कौशल से पकड़कर लाने में कामयाब हुए थे।
तब तत्कालीन आइजी (रायपुर रेंज) जीपी सिंह ने विकास सहित तीन जवानों को विशेष पारितोषिक देकर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दी थी। तब से विकास एएसआइ के पद पर सेवा दे रहे थे। विकास स्नेक केचर के रूप में शहर भी विख्यात थे। लोगों के घरों में निकले विषैले सांप को आसानी से पकड़कर जंगल छोड़ने में विकास को महारत हासिल थी।