प्रमोद मिश्रा
बिलासपुर, 09 जुलाई 2022
छत्तीसगढ़ के नए जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ को लेकर नई समस्या सामने आई है । दरअसल, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस गौतम चौरड़िया ने न्यायालय की अवमानना के मामले में राजस्व और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव नीलम नामदेव एक्का व डॉ. कमलप्रीत सिंह को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। दरअसल, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला गठन में उन पर हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने का आरोप है। जनहित याचिका का निराकरण किए बिना ही शासन ने इस नए जिले के गठन की प्रक्रिया शुरू कर कलेक्टर और SP के रूप में OSD नियुक्त कर दिया है, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
जिला अभिभाषक संघ ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ नए जिले के निर्माण में बिलाईगढ़ विकासखण्ड को समाहित करने का विरोध किया था। इसे लेकर संघ ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने जिला गठन के नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुए वैधानिक रूप से आपत्ति दर्ज किया था। सभी पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन और आपत्ति का निराकरण करने के लिए शासन को आदेशित किया था। याचिका को निराकृत करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन को आपत्ति का निराकरण के बिना जिला गठन की कार्रवाई नहीं करने का आदेश भी दिया था।
हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार कर की गई OSD की नियुक्ति
हाल ही में राज्य शासन ने प्रदेश के दूसरे नए जिलों के साथ ही सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में भी कलेक्टर व SP के रूप में OSD की नियुक्ति कर दी है। इसे लेकर हाईकोर्ट में न्यायालय की अवमानना याचिका दायर की गई है। इसमें हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया है। साथ ही कहा है कि कोर्ट ने कहा था कि जब तक याचिकाकर्ताओं की आपत्ति का निराकरण नहीं हो जाता तब तक जिला गठन की कार्रवाई नहीं की जा सकेगी। लेकिन, शासन ने हाईकोर्ट के इस आदेश का पालन ही नहीं किया और OSD की नियुक्ति कर दी है।
अवमानना याचिका में राजस्व सचिव नीलम नामदेव एक्का के साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कललप्रीत सिंह को पक्षकार बनाया गया है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने उन्हें नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से जवाब देने के लिए 2 अगस्त को कोर्ट में उपस्थित होने को कहा है।