राज्यपाल से मिला आदिवासी समाज : मतांतरण को लेकर आदिवासियों ने राज्यपाल को सुनाई व्यथा, ईसाई मिशनरियों पर प्रलोभन देकर मतांतरित करने का लगाया आरोप, 01 जनवरी की घटना पर जांच करने की मांग

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 10 जनवरी 2022

छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में हो रहे कथित धर्मांतरण का मामला अब धीरे-धीरे बढ़ते जा रहा है । कल आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात कर 1 जनवरी की घटना पर जांच की मांग की है । दरअसल, नारायणपुर के एड़का पंचायत के गोर्रा गांव में एक जनवरी को ईसाई मिशनरियों द्वारा आदिवासियों पर किए जानलेवा हमले की घटना में न्याय की मांग को लेकर बस्तर से राजधानी पहुंचे आदिवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात की। इस दौरान समाज प्रमुखों ने बताया कि भोले-भाले आदिवासियों को बरगलाकर और प्रलोभन देकर मिशनरियों द्वारा मतांतरण कराया जा रहा है। आदिवासियों के साथ मारपीट की घटनाएं भी की जा रही हैं।

 

 

राज्यपाल उइके ने प्रतिनिधिमंडल को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। उन्‍होंने कहा कि किसी निरपराध आदिवासी पर आंच नहीं आने दी जाएगी। उन्हें पूरे मामले की जानकारी है और वो लगातार अपडेट ले रही हैं। राज्यपाल ने संबंधित पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विधायक भोजराज नाग, मोड़ोराम कोडो (नारायणपुर), राजहोराम उसेंडी, रनाय उसेंडी, सियाबत्ती दुग्गा, बेबी ज्योति, शिगलूराम दुग्गा, रमेश दुग्गा आदि शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस और प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि आदिवासियों के साथ मारपीट करने वाले मतांतरितों पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि हिंसा में शामिल पादरी और मतांतरितों के नाम ज्ञापन में भी दिए हैं।

यह है मामला
एक जनवरी 2023 को नारायणपुर के एड़का थाना क्षेत्र के गोर्रा ग्राम में मिशनरियों ने मूल आदिवासी संस्कृति को मानने वाले ग्रामीणों पर जानलेवा हमला किया था, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण घायल हुए थे। इस हिंसा के दौरान ईसाइयों ने मतांतरण का विरोध करने वाले ग्रामीणों, आदिवासी पुजारियों और नेतृत्वकर्ताओं को जान से मारने का भी प्रयास किया था। इसके बाद घायलों को अपनी जान बचाकर घटनास्थल से भागना पड़ा था।
प्रेस कांफ्रेंस कर भी बताई व्यथा
बस्तर से आए आदिवासी समाज के लोगों ने राजधानी रायपुर के प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी पीड़ा बताई । आदिवासी समाज के लोगों का कहना था कि पुलिस और प्रशासन दोनों ईसाई समाज के लोगों का साथ देती है जबकि आदिवासी समाज के शिकायतों पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है । ऐसे में आदिवासी समाज के लोगों ने जिला प्रशासन और पुलिस पर पक्षपात पूर्ण कार्रवाई करने का आरोप भी लगाया है । आदिवासी समाज के लोगों ने कहा कि हम प्रकृति प्रेमी हैं और गांव के देवी देवताओं को पूजने वाले हैं लेकिन भोले-भाले आदिवासियों को लालच देकर लगातार बस्तर क्षेत्र में ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण कराया जा रहा है ।

 

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