छत्तीसगढ़: सात साल में भी नहीं बन पाई 57 किमी की सड़क, NH के अधिकारी नहीं देते कोई जवाब

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा, अंबिकापुर, 26 अप्रैल 2023


छत्तीसगढ़ के सरगुजा (Surguja) संभाग की सड़कों की हालत किसी से छिपी नहीं है. कहीं पर स्टेट हाईवे बदहाल है तो कहीं पीएमजीएसवाई की सड़कें गड्ढे और तालाबों में तब्दील हो चुकी है. जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 130 की तो कहानी ही अलग है. दरअसल, इस नेशनल हाईवे के 57 किलोमीटर का हिस्सा पिछले सात साल बाद भी अधूरा है. आलम ये है कि यहां दो पहिया से गुजरने वालों को धूल के रूप में फ्री पाउडर मिल जाता है. वहीं चार पहिया वालों के सामने धूल का धुंध छा जाने से हमेशा हादसों की आशंका बनी रहती है. लेकिन लापरवाह ठेकेदार और उन पर नजरें इनायत करने वाले एनएच के अधिकारियों को जनता की इस बड़ी समस्या से कोई सरोकार नहीं है.

छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर से अंबिकापुर की ओर आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 130 के निर्माण का काम 7 साल पहले शुरू हुआ था. इस एनएच पर शिवनगर से लेकर अंबिकापुर तक करीब 57 किलोमीटर सड़क बनाने का जिम्मा डीवी प्रोजेक्ट कंपनी ने लिया था, लेकिन 57 किलोमीटर की सड़क बनाने में 84 महीने का वक्त गुजर चुका है. इसके बाद भी सड़क का निर्माण अब भी अधूरा है. 

 

 

पुल-पुलियों का काम भी अधूरा

इस सड़क पर आज भी पुल-पुलियों के काम अधूरे पड़े हैं. पुरानी पुलियों के विस्तार के काम कछुआ चाल से चल रहे हैं. नाली और डिवाइडर के काम भी अधूरे पड़े हैं. सड़क के किनारे ना स्ट्रीट लाइट लगी है और न ही अभी तक तय नियम के मुताबिक़ सड़क के दोनों ओर पेड़ लगाए गए हैं. और तो और जहां पर निर्माण काम अधूरा है, वहां पर किसी भी स्थान पर डायवर्जन कार्य प्रगति पर है का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. इससे आय दिन हादसे होते रहते हैं, जिसका खामियाजा आम नागरिकों को उठाना पड़ता है. 

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हमेशा सड़क हादसे का बना रहता है खतरा 

अधूरे सड़क निर्माण और कछुआ चाल से बनते पुल-पुलिया के साथ सड़क पर साइन बोर्ड का नहीं होना लगातार हादसों को जन्म दे रहा है. इस सड़क पर शिवनगर से लेकर अंबिकापुर तक कई ऐसे स्थान है. जहां मोड़ होने का साइन बोर्ड न होने से आये दिन हादसे होते रहते हैं. इनमें भावनगर के नजदीक अदानी का दुमका गेस्ट हाउस के पास वाला मोड़, एनएच पर स्थित डांडगांव से देवालय जाने वाली मोड़, उदयपुर बस स्टैंड, उदयपुर से रामगढ़ जाने वाले मोड़, मुख्य मार्ग पर स्थित जजगा से रमपुरहीन दाई ओर जाने वाली मोड़, एनएच पर स्थित कुन्ती चौक, अंधला मोड़, लखनपुर बस स्टैंड का मोड़, राजपुरी के एसईसीएल चौक और अंबिकापुर पहुंचने के पहले मेन्ड्रा पेट्रोल पंप के पास वाले मोड के पहले किसी तरह का साइन बोर्ड नहीं होने से यहां पर सड़क हादसों का खतरा बना रहता है.

अफसर-ठेकेदार सब हैं लापरवाह

कभी कभी ये हादसे जानलेवा भी साबित हो जाते हैं. इस सड़क पर सबसे ज्यादा खतरनाक स्थान कुंवरपुर डैम वाला ढलान है. यहां हर दूसरे दिन बड़ा हादसा होता रहता है, लेकिन हैरानी की बात है कि ये सब जानते हुए भी जिम्मेदार अफसर ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं और न ही ठेकेदार को इससे ज़्यादा फर्क पड़ता है.

फोन नहीं उठाते हैं अधिकारी..

दरअसल जब से इस सड़क का निर्माण हो रहा है. एनएच के कोई अधिकारी मीडिया के सवालों का जवाब नहीं देते हैं. इस बार भी एनएच के ईई नितेश तिवारी से इस सवाल के जवाब के लिए फोन लगाया गया. लेकिन उन्होंने फोन उठाने की ज़रूरत तक नहीं समझी. एक बार तो उन्होंने मोबाइल काट दिया. इतना ही नहीं जब, उनको वाट्सएप मैसेज में सवाल किया गया, तो उन्होंने उसका भी जवाब देना जरूरी नहीं समझा. हालांकि इस संबंध में सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार ने ये ज़रूर कहा है कि इस समस्या के समाधान के लिए मैं इसे चेक करवाता हूं.

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