यूनिपोल घोटाले में महापौर बोले- अपना ही सोना खोटा तो सुनार का क्या दोष, अधिकारियों के जवाब मिली ढेरों खामियां

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा, रायपुर, 19 मई 2023

छत्‍तीसगढ़ के रायपुर नगर निगम में हुए करोड़ों के यूनिपोल घोटाले में महापौर एजाज ढेबर ने कहा है कि जांच कमेटी ने जिन सत्रह बिंदुओं पर निगम के अधिकारियों से जवाब मांगा था, वह आज मिला। जवाब में ढेरों खामियां नजर आ रही है। दरअसल महापौर एजाज ढेबर गुरूवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब अपना ही सोना खोटा हो तो सुनार को क्या दोष।

उन्होंने नगर निगम क्षेत्र में डिवाइडरों पर लगे यूनीपोल और स्मार्ट टायलेट में लगे यूनीपोल के निविदा में हुई अनियमितताओं को लेकर कहा कि हमने बीओटी (बाट) और रेवेन्यू शेयरिंग माडल के आधार पर डिवाइडरों पर लगे मिनी यूनिपोल की निविदा में हुई अनियमितता की जांच की है।

निगम कर्मियों की कार्यप्रणाली पर उठाए गए हैं सवाल

दिए गए समय तक हमें इस संबंध में जानकारी मिली है को संतुष्ट करने योग्य नहीं है, इसके अलावा, स्मार्ट टायलेट के आसपास लगे दो-दो मिनी यूनिपोल के संबंध में भी निविदा संबंधित त्रुटियों और निविदा नियम और शर्तों के उल्लंघन की खबरें सामने आई हैं। निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली और अधिकृत विज्ञापन एजेंसियों पर इस संबंध में सवाल उठाए गए हैं।

 

 

मेरा सवाल है कि आखिर यूनिपोल की साइज किस आधार पर बढ़ाई गई। इसमें चेक बाउंस होने के मामले भी सामने आए है।जीएसटी रिटर्न में भी खामियां दिखी है। यूनिपोल ठेके के लिए जो नियम शर्ते तय हुई थी,उसमें 11 नंबर के कालम में साफ लिखा हुआ था कि कभी साइज नहीं बढ़ेगी,फिर कैसे साइज बढ़ाकर 18 बाई 18 हो गई।

इस प्रकरण में जो फाइल चली थी उसमें एक जगह पर लिखा है कि एजेंसी की अनुशंसा पर,इसका मतलब हुआ कि सारा कुछ नगर निगम नहीं बल्कि एजेंसी तय कर रही है। पिछले चार महीने से तथाकथित एजेंसी को 51 स्थानों पर यूनिपोल लगाने की अनुमति दे दी गई थी।

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अगर यह पैसा निगम के खाते में आया होता तो शहर के विकास के काम में आता। मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बधाई देना चाहूंगा कि जिन्होंने इस मामले को संज्ञान में लेकर मंत्रालय स्तर पर इसकी जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई है। महापौर ने कहा कि नगर निगम में जो काम हमने किया,उसे तो भाजपा पार्षद दल को करना था।भाजपा के पार्षद हमेशा हाथ पर हाथ धरे बैठे नजर आते है।

महापौर ने बताया कि निविदा (संशोधित) क्रमांक 797/भ.नि.अ.प्र./न.पा.नि./ 2019 और (बीओटी व रिवेन्यू शेयरिंग माडल के आधार पर) स्मार्ट टायलेट निविदा क्रमांक 2722/भ. नि.अ.प्र./न.पा.नि/2021 पर हमने जांच की है। इस संबंध में अधिकारियों और कर्मचारियों से कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर की मांग की थी,वह भी संतुष्ट होने योग्य नहीं है।

महापौर ने कहा कि हम ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं,जिन्होंने इस प्रकार की अस्पष्टता को बरतते हुए निगम को इतने बड़े राजस्व की हानि में सहभागिता दी है।महापौर ने कहा कि हमें आशा है कि इस मामले में संदिग्धता का समाधान जल्दी से होगा और सख्त कार्रवाई होगी।हम सरकार को भी इस जांच के बारे में सूचित करेंगे, जैसा कि उन्होंने भी कहा है।इस मामले की जांच और जवाब तक पहुंचने के लिए सतर्क रहेंगे।

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