प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 24 अक्टूबर 2023
छत्तीसगढ़ में चुनाव बेहद नज़दीक है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। जहां कांग्रेस ने अपने सभी 90 विधानसभा में प्रत्याशी घोषित कर दिया है वहीं भाजपा के 4 विधानसभा में प्रत्याशी की घोषणा बाकी है। लेकिन बीजेपी ने जहां प्रत्याशी घोषित कर दिया है। ऐसे कुछ सीटों पर समस्या सुलझाने में भाजपा असफल नज़र आ रही है।
धरसींवा से 3 बार के विधायक व दिग्गज भाजपा नेता देवजी भाई पटेल भाजपा से बेहद नाराज चल रहे हैं। उन्होंने पार्टी को धरसीवां या रायपुर उत्तर से चुनाव लड़ने का मन बनाया था। पुराने लोगों को टिकिट दिए जाने के बाद से उनकी भी उत्सुकता थी कि पार्टी उन्हें फिर मौका देगी लेकिन पार्टी ने उन्हें किनारे कर दिया।
पटेल जी ने सोशल मीडिया से हटाया भाजपा पदनाम
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता देवजी भाई पटेल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के समय से संघ विचार धारा से जुड़े हुए राजनीतिक व्यक्ति हैं। वर्षों से उन्होंने BJP में कार्य किया। छत्तीसगढ़ के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ काम का अनुभव और साथ उन्हें मिला है। लेकिन यह आज आश्चर्य हो रहा है कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया से भाजपा का पदनाम हटा कर धरसींवा का सेवक लिखा है। इस बार में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा मैं धरसींवा का सेवक रहा हूं आगे भी रहूंगा, इसमें ऐसी कोई बात नही। मैं छत्तीसगढ़ का महतारी का बेटा हूँ। धरसींवा मेरा कार्य क्षेत्र है मैं धरसींवा का सेवक हूं।
आज उनके एक ट्वीट ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है, आज विजयादशमी की बधाई देते हुए देवजी ने लिखा..
आज विजयादशमी के दिन राजनितिक विभीषणों को चिन्हित कर रहा हूं,
धरसींवा के अपने परिवार जनों के लिए लड़ाई जारी रहेगी जब तक शरीर में प्राण है।
आरंभ है प्रचंड।
जय श्री राम।🚩
देवजी भाई पटेल वरिष्ठ नेताओं के संपर्क से दूर हो गए हैं, किसने किया संपर्क, पटेल जी ने क्या जवाब दिया!
देवजी भाई पटेल निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या अन्य किसी पार्टी का सहारा लेंगे। इस बात का पता चलते ही भाजपा प्रदेश नेतृत्व में खलबली मच गई है। वहीं केंद्रीय नेतृत्व भी बार-बार संपर्क बनाने का प्रयास कर रही है। लेकिन अब तक किसी से बातचीत नही हो पाया है। मीडिया 24 से टेलीफोनिक चर्चा में जब उनसे पूछा गया कि संगठन से कौन – कौन आपसे बात करने का प्रयास किये। इसका उन्होंने कोई जवाब न देते हुए। व्यस्त होने का बहाना बनाकर फोन काट दिया।
लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ प्रदेश का आलाकमान उनसे संपर्क बैठाने के प्रयास में लगा है। फिलहाल यह देखना है कि क्या वाकई में देवजी भाई पटेल निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।