ब्यूरो रिपोर्ट
नई दिल्ली, 7 फरवरी, 2024
नई दिल्ली के हैबिटेट सेंटर में आयोजित एक भव्य समारोह में ग्लोबल चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर ने सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अधिकारी गणेश शंकर मिश्रा को प्रतिष्ठित अखंड भारत सेवा रत्न सम्मान से सम्मानित किया है। गणेश शंकर मिश्रा को यह सम्मान सिविल सेवा के माध्यम से राष्ट्रनिर्माण में उनकी 40 वर्षों की अनुकरणीय जनसेवा और उनके विशिष्ट कार्यकाल के दौरान जन कल्याण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए प्रदान किया गया।
छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक परिदृश्य में गणेश शंकर मिश्र के 36 वर्षीय सेवाकाल ने एक महत्वपूर्ण योगदान है, जिससे उन्हें देशभर में व्यापक जनविश्वास और प्रशंसा प्राप्त हुई है। सत्यनिष्ठा, समर्पण और करुणा के सिद्धांतों के प्रति उनके समर्पण ने पूरे देश में लोक सेवकों के लिए एक सराहनीय मानक स्थापित किया है।
कार्यक्रम के दौरान गणेश शंकर मिश्रा को प्रतिष्ठित इंटीग्रेटेड ग्लोबल यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया। यह मान्यता समाज के प्रति उनके अद्वितीय समर्पण और अमूल्य योगदान के प्रमाण के रूप में कार्य करती है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के प्रतीक के रूप में उनकी विरासत को और मजबूत करती है।
कार्यक्रम आयोजन समिति के अध्यक्ष तपन काकतिया ने बताया कि प्रतिवर्ष आयोजित होनेवाला यह सम्मान समारोह देश में जनकल्याण के क्षेत्र में अनुकरणीय समर्पण प्रदर्शित करनेवाले विभूतियों को भारत सेवा रत्न सम्मान से अलंकृत कर उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पुरस्कृत मिश्रा की प्रशासनिक दक्षता से छत्तीसगढ़ अंजाना नहीं हैं, उनके नवाचारों और परिणाम-उन्मुखी कार्यशैली ने देश की प्रशासनिक बिरादरी में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनके इसी निरंतर अथक प्रयासों को पुरस्कार के माध्यम से हमने सम्मानित किया है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष और इंटीग्रेटेड ग्लोबल यूनिवर्सिटी के चांसलर एस.एन.पाण्डे ने कहा कि गणेश शंकर मिश्रा सार्वजनिक सेवा के प्रति निष्ठा और प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं और उनकी कार्यप्रणाली ने देश भर में प्रशंसा अर्जित की है, उन्होंने छत्तीसगढ़ में विभिन्न पदों पर रहते हुए सिविल सेवा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के लिए अटूट प्रतिबद्धता परिलक्षित की है। मिश्रा की इस नियमनिष्ठता को उन्होंने सभी के लिए प्रेरणा बताया, जो निस्वार्थता और समर्पण की भावना का प्रतीक है।