प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 15 फरवरी 2024
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि आज सदन में रिपा को लेकर सवाल पूछा गया है कि तत्कालीन सरकाल के कार्यकाल में कुल कितने रीपा स्थापित किये गए है। धरमलाल कौशिक के सवाल का जवाब आया कि प्रदेश में नवम्बर 2023 तक कुल 300 रीपा स्थापित किये गए है और जिसमें कुल मिलाकर करके लगभग 600 करोड़ रू की राशि उसमें स्वीकृत की गयी है। विधायक कौशिक ने कहा कि जिस प्रकार से पिछले पांच सालों तक रीपा का जो मामला आया और प्रदेश के कोई भी क्षेत्र में देखा जाए तो अधिकतर रीपा में ताला लटका हुआ है, कहीं मशीन नही तो कहीं मशीन बंद पड़ा हुआ है इसके बावजूद सरपंचों से हस्ताक्षर करा करके उसमें अधिकारियों के द्वारा खरीदी की गयी। इससे स्पष्ट हो रहा है कि तत्कालीन सरकार में डीएमएफ फंड का बंदरबाट भारी मात्रा में हुआ है। उन्होंने कहा कि डीएमएफ के राशियों का कैसें बंदरबाट किया जाता है वो रीपा के माध्यम से देखने को मिला।
भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक अजय चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के प्रश्नकाल के दौरान ग्रामीण औद्योगिक पार्क याने रीपा को लेकर मुद्दा उठाया। रीपा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि योजना में विभिन्न मदों की राशि का उपयोग कहाँ कहाँ किया गया। उन्होंने सवाल किया कि, नवंबर 2023 तक कितने रीपा पार्क की स्थापना का लक्ष्य था और कितनी स्थापना हुई। वर्ष 2022-23 और 2023-24 में बजट कितना था और कितना भुगतान किया गया तथा कितना भुगतान शेष है। कितने मशीन उपकरण ख़रीदे गए और उत्पादन क्या हुआ और उनका विपणन किस तरह हुआ।
भाजपा मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि डीएमएफ के मद खर्च कर भ्रष्टाचार किया गया है, ख़रीदी में लीपापोती हुई है। अधिकारी बताने की स्थिति में नहीं है। विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल किया कई मदों से भुगतान हुआ है। रीपा का क्या भौतिक सत्यापन हुआ है। उन्होंने कहा कि रीपा का भौतिक सत्यापन हो और खर्च की जाँच की जाये। इस योजना के फेर में कई सरपंचों का पैसा फंसा हुआ है और वे आत्महत्या तक कर रहे है। कई सरपंचों को उनके द्वारा किये गए खर्च का आज तक भुगतान नहीं हुआ है। सरपंचों को उनके द्वारा किये गए खर्च का भुगतान तत्काल कराया जाये ताकि वे कोई आत्महत्या करने को विवश न हो।
भाजपा विधायकों के प्रश्न पर गृहमंत्री विजय शर्मा रीपा मसले पर सदस्यों की आपत्ति और माँग को देखते हुए मंत्री विजय शर्मा ने जाँच की घोषणा कर दी। इस घोषणा के पहले मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि रीपा में जो अपेक्षा थी वह पूरी नहीं हुई है। सदन में मंत्री विजय शर्मा ने रीपा की मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति जाँच घोषणा की। यह जाँच तीन महीने में पूरी होगी।