प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 14 सितंबर 2024
छत्तीसगढ़ में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के थोक में तबादला आदेश कल जारी हुआ । अब इस लिस्ट को लेकर कई तरह के विवाद खड़े हो गए हैं । तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के थोक में तबादले से नाराज कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने राजस्व मंत्री टंक राम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । संघ ने ट्रांसफर में पैसे का भारी लेन देन होने का आरोप लगाया है । वहीं इस मामले को लेकर कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ हाईकोर्ट जाने की बात कह रहे ।
बता दे कि छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरुवार को राजस्व विभाग के 169 अफसरों का तबादला किया है। इसमें 55 तहसीलदार भी शामिल हैं। इसके बाद तहसीलदारों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यह भी आरोप है कि कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों को टारगेट कर दूरस्थ स्थानों पर ट्रांसफर किया गया है।
सिमगा के तहसीलदार नीलमणि दुबे ने राजस्व मंत्री पर पैसे लेकर ट्रांसफर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने मीडिया में दिए बयान में कहा कि, ट्रांसफर में क्राइटेरिया का पालन नहीं किया गया। यह सब राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले से हो रहा है। उन्होंने कहा, ट्रांसफर ऑर्डर के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।
सिमगा तहसीलदार नीलमणि दुबे का 2 साल में 6 बार ट्रांसफर हो चुका है। खास बात यह है कि 4 माह में ही उनका 4 बार तबादला किया जा चुका है।
ट्रांसफर को लेकर कोई नियम बताए मंत्री जी – नीलमणि दुबे
सिमगा तहसीलदार कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि, मंत्री महोदय कोई क्राइटेरिया बता दें कि 2 साल से ऊपर वाले का ट्रांसफर किया गया है या 3 साल के ऊपर वाले का किया गया है। ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर तो कोई नियम होगा, मंत्री जी उसे बताएं। अगर सरकार और शासन ही नियम-कानून नहीं मानेंगे तो यह बहुत बड़ी विडंबना है। ऐसे में प्रदेश में कैसे सुशासन आएगा? सुशासन केवल नीति और नियम बनाने से नहीं होता उसका पालन करने से सुशासन आता है।
हाईकोर्ट पहले खारिज कर चुका है ट्रांसफर लिस्ट
संघ के अध्यक्ष ने कहा कि, हम हाईकोर्ट के माध्यम से अपनी बात रखेंगे। 3 महीने पहले 150 लोगों की सूची निकली थी। हमारी अपील पर उसे हाईकोर्ट ने निरस्त किया था। लोग विधानसभा चुनाव से 2-3 महीने पहले स्थनांतरित हुए थे। जैसे ही सरकार बदली फिर ट्रांसफर कर दिया गया।