प्रमोद मिश्रा
रायपुर 28 जनवरी 2025
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुए विभाग अंतर्गत लंबे समय से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित चल रहे 27 चिकित्सा अधिकारी व विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा समाप्त कर दी गई हैं साथ ही 21 चिकित्सा अधिकारियों के विरूद्ध दीर्घशास्ति हेतु विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए है।
विदित हो कि चिकित्सा अधिकारियों व विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा अपने कर्तव्यस्थल से लंबे समय से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के फलस्वरूप उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था। चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा लगातार तीन वर्ष से अधिक अवधि के लिए अनाधिकृत अनुपस्थिति पर शासन के मूलभूत नियम 18 और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2010 के नियम 11 का उल्लंघन किया गया था। इन नियमों के अनुसार कोई भी शासकीय सेवक तीन वर्ष से अधिक निरन्तर अवधि के लिए अवकाश पर नहीं रह सकता है और ऐसा करने पर उसे सेवा से त्याग-पत्र दिया हुआ समझा जाता है।
अनुपस्थित अधिकारियों व चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी करके अपना पक्ष प्रस्तुत करने का पूरा अवसर दिया गया था। सुनवाई में उपस्थित चिकित्सा अधिकारियों/ विशेषज्ञ चिकित्सकों के पक्ष को सुना गया तथा उनके द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पर गंभीरता से विचार किया गया व जो सुनवाई में उपस्थित नहीं हुये अथवा अन्य माध्यम से अभ्यावेदन प्रस्तुत नहीं किये, उनके संबंध में यह मान लिया गया कि, उन्हें इस संबंध में कुछ नहीं कहना है तथा उनके प्रकरणों में गुणदोष के आधार पर एकपक्षीय रूप से विचार किया गया।
राज्य शासन द्वारा सभी 27 चिकित्सा अधिकारी एवं विशेषज्ञ का पक्ष जानने के उपरांत छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2010 के नियम 11 के तहत शासकीय सेवा से त्याग-पत्र दिया गया मान्य करता है। शासन की इस कार्यवाही के बाद विभाग के आला अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।