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बजट 2025: विकास को मिलेगी रफ्तार! स्वास्थ्य, शिक्षा, कर सुधार और बुनियादी ढांचे में बड़े बदलाव, अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई ऊंचाई

प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 01 फरवरी 2025

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के चेयरमैन प्रदीप टंडन ने कहा कि इस बजट का मुख्य उद्देश्य विकास को गति देना और कराधान, शहरी विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र, बिजली सहित नियामक सुधारों को मजबूत करना है।

 

 

समावेशी विकास और आर्थिक समृद्धि

बजट में मध्यम वर्ग के खर्च को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिससे अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाया जा सके। एमएसएमई वर्गीकरण में 2.5 गुना निवेश सीमा वृद्धि से इस क्षेत्र में नए अवसर सृजित होंगे। फुटवियर, चमड़ा और खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने से 22 लाख नौकरियों का सृजन होगा, जिससे ₹4 लाख करोड़ का राजस्व और ₹1.1 लाख करोड़ से अधिक का निर्यात संभव होगा।

मत्स्य पालन और समुद्री क्षेत्र

मछली उत्पादन और जलीय कृषि को प्रोत्साहन देकर समुद्री खाद्य निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा। भारतीय अनन्य आर्थिक क्षेत्र से सतत मत्स्य दोहन की दिशा में सक्षम ढांचा तैयार किया जाएगा, जिससे समुद्री क्षेत्र में नए अवसर उपलब्ध होंगे और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में सुधार

  • हर जिले में कैंसर अस्पताल खोले जाएंगे, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा।
  • शहरी चुनौती निधि के माध्यम से शहरों के विकास को गति दी जाएगी।
  • प्राथमिक विद्यालयों में ब्रॉडबैंड सुविधा शुरू करने से शिक्षा को डिजिटल रूप से सशक्त बनाया जाएगा।

बुनियादी ढांचे और जल संसाधन

  • विस्तारित जल जीवन मिशन से पीने योग्य पानी की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे पाइप निर्माण उद्योग को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
  • 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन से ऊर्जा क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलेंगी।
  • संशोधित उड़ान योजना के तहत 120 नए गंतव्यों को जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रा, पर्यटन और बुनियादी ढांचा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तथा 4 करोड़ यात्रियों को लाभ मिलेगा।
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वित्तीय सुधार और कर प्रणाली

  • बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की गई, जिससे नई और सस्ती योजनाएं बाजार में उपलब्ध होंगी।
  • एलआरएस प्रेषणों पर टीसीएस की सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई।
  • टीडीएस सीमा 6 लाख रुपये तक बढ़ाई गई।
  • निर्दिष्ट वित्तीय संस्थानों से 10 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण पर टीसीएस हटाया गया, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
  • करदाताओं को दो स्व-कब्जे वाली संपत्तियों के वार्षिक मूल्य को शून्य घोषित करने की सुविधा दी गई है, जिससे भवन निर्माण और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा।

यह बजट आर्थिक विकास को गति देने के साथ-साथ समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाने वाला साबित होगा।

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