प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 03 मार्च 2025
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 450 करोड़ से अधिक के कोल लेवी वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले में निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, सौम्या चौरसिया और व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह फैसला सुनाया।
लंबी जांच को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच में काफी समय लग सकता है, इसलिए लंबी कानूनी प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए आरोपियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करना उचित होगा। गौरतलब है कि ये सभी आरोपी करीब दो वर्ष से अधिक समय से जेल में हैं।
सरकार को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि निर्धारित तारीख पर आरोपियों के आचरण की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह जमानत स्वतंत्रता और निष्पक्ष जांच के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए दी गई है।
जमानत रद्द करने की चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि किसी गवाह को प्रभावित करने, सबूतों से छेड़छाड़ करने या जांच में बाधा डालने का प्रयास किया जाता है, तो राज्य सरकार अदालत से जमानत रद्द कराने की अपील कर सकती है। ऐसी स्थिति में अंतरिम जमानत तत्काल रद्द कर दी जाएगी।
बता दें कि यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई जांच से जुड़ा हुआ है, जिसमें कोल ट्रांसपोर्टेशन और लेवी वसूली में कथित अनियमितताओं का आरोप है।