प्रमोद मिश्रा
बासनवाही, उत्तर बस्तर कांकेर, 6 अप्रैल 2025
ग्राम बासनवाही में आयोजित श्री मद भागवत महापुराण कथा के दूसरे दिन कथा वाचक पंडित विकास मिश्रा (राजिम) ने पांडव कुंती द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति और राजा परीक्षित के जन्म की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया।
पंडित मिश्रा ने कहा कि जब परीक्षित ने सुखदेव जी महाराज से पूछा कि मृत्यु निकट होने पर मुक्ति के लिए क्या उपाय किया जाए, तब सुखदेव जी ने उत्तर दिया कि परीक्षित ने तो जन्म से पूर्व ही भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन गर्भ में कर लिए थे। भगवान ने उनकी मां उत्तरा के कहने पर उनकी रक्षा की थी। ऐसे में मुक्ति तो उन्हें निश्चित है, बल्कि उन्हें यह पूछना चाहिए कि भक्ति कैसे प्राप्त हो।
सुखदेव जी ने भक्ति और मुक्ति के अंतर को स्पष्ट करते हुए कहा कि “मुक्ति में मृत्यु के बाद भगवान के दर्शन होते हैं, जबकि भक्ति में जीवित रहते हुए भगवान के दर्शन हो जाते हैं।” इसलिए परीक्षित को श्री मद भागवत कथा के श्रवण का परामर्श दिया गया, जिसमें भगवान के अवतारों और लीलाओं का प्रेमपूर्ण वर्णन होता है।
कथा स्थल पर श्रद्धालु भारी संख्या में उपस्थित रहे और भक्ति भाव से कथा श्रवण किया।