- वायरस का नया स्ट्रेन 70% तेजी से फैल रहा, हालांकि मौतों में बढ़ोतरी नहीं
- नीदरलैंड्स, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, द. अफ्रीका, इटली में भी नया रूप
ब्रिटेन में कोरोना वायरस के जिस नए स्वरूप का पता चला है, वह अब नीदरलैंड्स, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, इटली और दक्षिण अफ्रीका में भी पाया गया है। यह 70% ज्यादा तेजी से फैल रहा है। इस खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर 22 दिसंबर रात 11:59 बजे से 31 दिसंबर तक रोक लगा दी है।
22 दिसंबर की रात तक आने वाले सभी यात्रियों का एयरपोर्ट पर ही आरटी-पीसीआर टेस्ट होगा। निगेटिव आने वाले लोगों को भी एक हफ्ते तक होम आइसोलेशन में रहना होगा।कोरोना के नए स्वरूप को लेकर दुनियाभर में चिंता दिख रही है।
इसीलिए, अब तक 18 देशों ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं, सरकार अलर्ट है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि 23 से 31 तक बुकिंग कैंसिल होंगी। कंपनियां पैसा रिफंड करेंगी।
नया स्वरूप आगे कमजोर होगा या घातक, अभी कोई स्टडी नहीं
वायरस स्वरूप बदलता है। इससे ज्यादातर वायरस खुद ही खत्म हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी पहले से कई गुना खतरनाक हो जाते हंै। यह प्रक्रिया इतनी तेजी से होती है कि वैज्ञानिक एक रूप को समझ भी नहीं पाते और दूसरा सामने आ जाता है।
ब्रिटेन में पाए गए नए स्वरूप को वीयूआई-202012/01 नाम दिया गया है। यह 70% ज्यादा तेजी से फैलता है।
क्या वायरस पहले भी स्वरूप बदल चुका है?
हां। कोरोना वायरस जो सबसे पहले चीन के वुहान में मिला था, वह अब ज्यादातर देशों में नहीं है। इसी तरह डी614जी प्रकार का वायरस फरवरी में यूरोप में मिला था और अभी दुनियाभर में यही सबसे ज्यादा है। ए222वी एक और प्रकार था, जो उन लोगों से फैला था जो स्पेन में गर्मियों की छुट्टियां मनाकर लंदन लौटे थे।
नया प्रकार आया कहां से?
ब्रिटेन में अभी वायरस का जो प्रकार मिल रहा है, वह बहुत ज्यादा बदला हुआ है। हो सकता है यह किसी ऐसे रोगी के शरीर में बदला हो, जिसकी प्रतिरोधी क्षमता कमजोर थी। फिर आगे कमजोर प्रतिरोधी क्षमता वाले रोगियों के शरीर में ही इस वायरस ने मजबूत होकर अपना स्वरूप बदल लिया।
नया स्वरूप तेजी से क्यों फैल रहा है?
एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया के अनुसार, वायरस का नया स्वरूप मानव कोशिकाओं में ज्यादा तेजी से चिपकता है। इसलिए तेजी से फैल रहा है।
नया स्वरूप आगे घातक होगा या कमजोर?
ब्रिटेन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रोफेसर क्रिस विट्टी के अनुसार, फिलहाल इस बात को साबित करने का कोई भी वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद नहीं है कि वायरस आगे जाकर और घातक होता जाएगा या कमजोर होगा।
नए स्वरूप पर वैक्सीन का कितना असर?
आईसीएमआर के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने बताया कि कोरोना के नए स्वरूप पर वैक्सीन असरदार साबित होगी। क्योंकि, प्रोटीन आधारित वैक्सीन अलग-अलग किस्म के एंटीबॉडी बनाती हैं। एक प्रोटीन खराब हुआ तो इसका मतलब यह नहीं कि सभी खराब होंगे। भारत बॉयोटेक और स्पुतनिक-वी की वैक्सीन असक्रिय वायरस से बनी हैं।
लिहाजा ये नए स्वरूप पर असरदार साबित होंगी। ग्लास्गो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड रॉबर्टसन के अनुसार, ‘हो सकता है वायरस ऐसा परिवर्तन कर ले जो वैक्सीन से बच जाता हो। यदि ऐसा हुआ तो वैक्सीन को अपडेट करते रहना पड़ेगा। वैसे अब वैक्सीन को अपडेट करना बहुत आसान है।’
दुनिया में कोरोना से मौतें 17 लाख पार: इनमें सबसे ज्यादा 3.25 लाख अमेरिका, 1.87 लाख ब्राजील और 1.46 लाख मौतें भारत में हो चुकी हैं। दुनिया में अब रोज 10 हजार से ज्यादा मौतें हो रही हैं। भारत में रोज औसतन 350 जानें जा रही हैं।