प्रमोद मिश्रा
नई दिल्ली, 15 जनवरी 2021
कोरोना वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाजरी जारी करते सभी राज्यों को कोरोना वैक्सीन से सम्बंधित दिशा निर्देश दिए है ।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 टीकों की विनिमयशीलता की अनुमति नहीं है और गर्भवती तथा दूध पिलाने वाली महिलाएं टीके न लगवाएं क्योंकि उन्हें अभी तक किसी भी कोरोना वायरस-रोधी टीके के क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा नहीं बनाया गया है।
मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेश को लिखे पत्र में आपातकालीन परिस्थितियों में इनके इस्तेमाल को रेखांकित करते हुए कहा कि कोविड-19 टीके केवल 18 साल या उससे अधिक आयु के लोगों के लिए हैं। आवश्यकता पड़ने पर कोविड-19 टीकों और अन्य टीकों के बीच कम से कम 14 दिन का अंतराल लिया जा सकता है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने राज्यों को भेजे गए पत्र में ये कहा-
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है, ”कोविड-19 टीकों की विनिमयशीलता (एक टीका अलग, दूसरा अलग) की अनुमति नहीं है। दूसरी खुराक भी उसी टीके की लेनी होगी, जो पहले टीके की ली गई है। ‘
‘ पत्र में कहा गया है, ”गर्भवती तथा दूध पिलाने वाली महिलाओं को अभी तक किसी भी टीके के क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा नहीं बनाया गया है। लिहाजा गर्भवती या अपने गर्भवती होने को लेकर अनिश्चित महिलाएं इस समय कोविड-19 टीके न लगवाएं।”
इसके साथ ही इन लोगों को भी नहीं लगेगा कोरोना वैक्सीन-
ऐसी हिस्ट्री वाले व्यक्तियों को कोरोना टीका नहीं लगेगा जो कोरोना वैक्सीन की पिछली खुराक की वजह से ऑनफ्लेक्टिक या एलर्जी रिएक्शन से प्रभावित हुए हैं। या फिर वैक्सीन या इंजेक्टेबल थैरेपी, फार्मास्युटिकल उत्पाद, खाद्य-पदार्थ आदि से तुरंत या देरी से शुरू होने वाली एनाफिलेक्सिस या एलर्जी रिएक्शन वाले व्यक्ति को भी यह वैक्सीन नहीं दिया जाएगा। यही नहीं किसी भी बीमारी के कारण अस्वस्थ और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज को भी यह टीका नहीं दिया जाएगा।