प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 16 जनवरी 2021
छत्तीसगढ़ के बालोद में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद आज दस हज़ार से अधिक मुर्गियों और 32 कबूतरों को दफनाया जाएगा । प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से यह फैसला लिया है । बालोद जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद गिधाली के जीएस पोल्ट्री फॉर्म में लगभग 1200 मुर्गियों को दफनाया गया। शनिवार को गिधाली के ही दूसरे पोल्ट्री फार्म के 10 हजार मुर्गियों को दफनाया जाएगा। संक्रमित पोल्ट्री फॉर्म को पूरी तरह से प्रशासन ने सील कर दिया है और पोल्ट्री फार्म के अंदर आने जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।
इसके अलावा संचालक और वहां कार्य करने वाले 2 कर्मचारियों सहित 15 लोगों को होम आइसोलेशन में रहने के निर्देश भी दिए गए हैं। प्रदेश से आई टीम का दौरा लगातार जारी रहा। इधर एक से लेकर 10 किलोमीटर की परिधि में जिला प्रशासन की ओर से मॉनिटरिंग की जा रही है। जिले के बार्डर से गुजरने वाली प्रत्येक गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है ताकि किसी गाड़ियों में पोल्ट्री फॉर्म से संबंधित किसी तरह की सामग्री या मुर्गियों का परिवहन ना हो सकें।
आपको बताते चले कि बागबाहरा में भी तालाब में मरा हुआ बगुला मिला है जिसे जांच के लिए भोपाल भेजा गया है । सूचना मिलते ही स्थानीय पशु चिकित्सक डॉ एआर धृतलहरे सहित उनकी टीम मौके पर पहुंची। साथ ही जिला स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम के सदस्य भी बागबाहरा पहुंचे। टीम ने तीनों पक्षियों का निरीक्षण किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रथम दृष्टया बर्ड फ्लू जैसे कोई लक्षण नहीं दिखे। उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ डीडी झारिया ने बताया कि मृत पक्षियों को बर्फ में पैक कर भोपाल के हाई सिक्योरिटी एनिमल डिसीज लेबोरेटरी (राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान) भेजा जा रहा है।
वहां से जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि पक्षियों की मौत का कारण बर्ड फ्लू है या कुछ और। जांच रिपोर्ट आने में कम से कम तीन दिन का समय लग सकता है। पशु चिकित्सा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार दो दिन पहले बीटीआई रोड में एक मृत कौआ पाया गया था। डॉ डीडी झारिया ने बताया कि दो दिन पहले मृत मिले कौआ की जांच के लिए भी उसे लेबोरेटरी भेज दिया गया है। उन्होंने आमजनों से अपील की है कि मृत पक्षियों के पास न जाएं और उसे छुएं नहीं।