प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 13 अप्रैल 2021
एक तरफ कोरोना के बढ़ते आंकड़े और दूसरी तरफ डॉक्टरों की लंबी ड्यूटी । छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा अस्पताल में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए है । दरअसल जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि उन्हें खराब गुणवत्ता के PPE किट, मास्क और सर्जिकल ग्लव्स पहनकर कोरोना ड्यूटी के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसकी वजह से उनमें आधे से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमित रेजिडेंट डॉक्टरों को अवैतनिक अवकाश के लिये मजबूर किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने चिकित्सा शिक्षा संचालक को ज्ञापन सौंप कर बताया है कि वे लोग आज से कोरोना और आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर शेष कार्यों को तत्काल प्रभाव से बंद कर रहे हैं। उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो 15 अप्रैल से वे आपातकालीन सेवाएं भी बंद कर देंगे। फिर भी बात नही मानी गई तो 18 अप्रैल सुबह 8 बजे से कोविड ड्यूटी भी छोड़ देंगे। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों की चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉक्टर आरके सिंह से इस संबंध में बातचीत जारी है।
रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना ड्यूटी के गुणवत्ता वाले PPE किट, एन-95 मास्क और ग्लव्स की मांग लंबे समय से की जा रही है। अभी तक प्रशासन ने इसका संज्ञान तक नहीं लिया है। PPE किट के नीचे पहनने के लिए स्क्रब तक उपलब्ध नहीं हैं।
जूनियर डॉक्टरों ने क्या है मांग?
दूरस्थ स्थलों पर तैनात सभी डॉक्टरों को कोरोना ड्यूटी में शामिल किया जाए।
अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ, लैब टेक्निशियन, वार्ड ब्वॉय, स्ट्रेचर ब्वॉय और सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।
अस्पतालों में सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाए।
उचित संख्या में डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाकर अलग से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाए।
अपनी सुविधाएं बढ़ाने की भी मांग रखी
जूनियर डॉक्टरों ने ग्रामीण क्षेत्र में सेवा का अनुबंध दो वर्ष से घटाकर एक वर्ष करने की मांग की है।
ग्रामीण क्षेत्र में सेवा के लिए प्रदेश भर में एक समान 95 हजार रुपए का स्टाइपेंड प्रदान किया जाए।
छात्रवृत्ति बढ़ाकर इंटर्न डॉक्टर को 20 हजार, पीजी डॉक्टर प्रथम वर्ष को 80 हजार और पीजी डॉक्टर द्वितीय और तृतीय वर्ष को 85 हजार रुपए दिये जाएं।
कोरोना ड्यूटी वालों को प्रोत्साहन राशि दी जाए। रेजिडेंट डॉक्टर को 10 हजार, पैरामेडिकल स्टाफ को 500 और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 200 रुपए।