भूपेश टांडिया
रायपुर 16 सितंबर 2021
रायपुर. एक मरीज अतड़ी के कैंसर से काफी परेशान था. कीमोथैरेपी और अन्य तरीके से इलाज के कुछ वर्षो तक उन्हें राहत मिली. लेकिन कुछ वर्षों बाद उनकी तकलीफ और बढ़ गई. जिसके बाद वे खाना- खाना भी मुंह से बंद कर दिए और फिर डॉक्टरों ने उन्हें पेट के रास्ते खाना देना शुरू किया.
इसके बाद मरीज ने मेडिशाईन अस्पताल में डॉ अरूण अय्यर से जांच करवाई. जांच के बाद डॉ अय्यर और उनकी टीम ने ये तय किया कि मरीज को ड्यूडेनल स्टंट लगाया जाएगा. इसके बाद मरीज का ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा और अगले ही दिन मरीज को डिस्चार्ज किया गया. डॉ अय्यर कहते है कि काफी सुकून मिलता है, जब एक मरीज अस्पताल में भर्ती हुआ हो तो वो कुछ खा नहीं पा रहा हो और जब डिस्चार्ज हुआ तो खाना खाकर गया.
रेक्टल कैंसर के मरीज का भी हुआ सफल ऑपरेशन
मेडिशाईन अस्पताल में चंद दिनों पहले ही 55 वर्षीय एक मरीज को अन्य निजी अस्पताल में रेक्टल कैंसर के बाद दी गई रेडियोथैरेपी की वजह से इंटस्टाइन में रिएक्शन हुआ. जिसकी वजह से वे काफी परेशान हो गई थी. मरीज की ये तकलीफ और भी घातक तब हो गई की इसकी वजह से मरीज का मल कपड़ों में गिरने लगा था. इस कारण मरीज मानसिक रूप से भी काफी परेशान थी. लेकिन डॉ अरूण अय्यर ने एंडोस्कोपिक पद्धति से बड़ी आंत में इलाज किया और वहां दवाई का स्प्रे जिसके बाद उन्हें काफी राहत मिली और उनकी समस्या पहले से काफी कम हुई. हालांकि इसके बाद मरीज का एक और ऑपरेशन कुछ दिन बाद किया जाना है, जिसके बाद डॉक्टरों को उम्मीद है कि वे पूरी तरह स्वस्थ्य हो जाएंगी।
आंत और मलाशय में कैंसर के लक्षण
-जिस व्यक्ति की बड़ी आंत या उसके मलाशय में कैंसर की स्थिति बन रही होती है, उसे लगातार आंत से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जैसे कभी कब्ज तो कभी दस्त हो जाना. पॉटी की स्थिति में लगातार बदलाव होते रहना आदि शामिल हैं।
-मलाशय से खून आना, पॉटी करते समय ब्लीडिंग होना या पॉटी के साथ ब्लड का आना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. पॉटी के बाद भी पेशंट को अक्सर लगता है कि उसका पेट अभी पूरी तरह साफ नहीं हुआ है. अभी अंदर मल अटका हुआ है।
-कोलन और बाउअल कैंसर की स्थिति में पेशंट को हर समय पेट से संबंधित कोई ना कोई समस्या बनी रहती है. जैसे गैर, अपच, खट्टी डकार आना, पेट में मरोड़ होना आदि. ऐसा कभी नहीं होता कि पेट को लेकर सहज महसूस कर पाए.
-कोलन और बाउअल कैंसर की स्थिति में व्यक्ति को हर समय थकान बनी रहती है. जबकि वह सही डायट ले रहा होता है और उसे अक्सर अपने थकने की वजह पता नहीं होती है. ऐसे लोगों का वजन तेजी से कम होने लगता है. जिसका कोई प्रत्यक्ष कारण नजर नहीं आता है।
जाने डॉ अरूण अय्यर के बारे में
डॉ अरूण अय्यर, एमबीबीएस, एमडी (इंटरनल मेडिसिन) और डीएम (गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी) है. उन्होंने कैम्ब्रीज यूनिवर्सिटी (यूनाइटेड किंगडम) से फेलोशिप इन एडवांस एंडोस्कोपिक की है. इसके पहले उन्होंने केईएम (मुंबई) से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की और फिर दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल से एमडी की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने जीबी पंत अस्पताल में लंबे समय तक गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग में काम किया. इसके बाद केरल के टॉप शासकीय मेडिकल कॉलेज त्रिवेंद्रम से डीएम गेस्ट्रो की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंन मुंबई में पदमश्री डॉ अमित प्रभाकर मायदेव के अधिन एंडोस्कोपी, ईआरसीपी, ईयूएस की ट्रेनिंग की. डॉ अय्यर दर्द रहित एंडोस्कोपी के लिए छत्तीसगढ़ में मशहूर है.
जल्द मेडिशाईन अस्पताल में मिलेगी एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड की सुविधा
अस्पताल में जल्द ही इंडोस्कोपी अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा मरीजों को मिलने लगेगी. इस जांच से पेट के कैंसर अथवा अल्सर की पहचान आसानी से की जा सकेगी. वहीं नई तकनीक से भी अस्पताल में ईआरसीपी की सुविधा उपलब्ध है।