प्रमोद मिश्रा
9 अक्टूबर, 2021, रायपुर
छतीसगढ़ और उससे जुड़े इलाकों में बच्चों में एलटीपी यानी लिवर ट्रांसप्लांट के मामले अत्यधिक देखने को मिल रहे हैं। हालाँकि इलाज के तरीकों में आधुनिकता आई है लेकिन किफायती कीमतों पर इलाज न मिलना, सही इलाज तक पहुँच न होना आदि अभी भी बहुत से इलाकों में समस्या के रूप में सामने हैं। यह बात महानगरों से दूर रहने वाले लोगों पर ख़ास तौर पर लागू होती है। हाल ही में इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एसआरसीसी चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल ने एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशेलिटी हॉस्पिटल, रायपुर (एनएचएमएमआई) के सहयोग से शहर में ओपीडी लगाने का निर्णय लिया। 9 अक्टूबर, 2021 को द ट्राइटन बाई द डाईची होटल (वीआईपी चौक, रायपुर) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जहां पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंट्रोलाजी , हेपेटोलॉजी और लिवर ट्रान्स्प्लान्ट ओपीडी खोलने की घोषणा की गई। कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर ललित वर्मा ने छत्तीसगढ़ में बच्चों में लिवर की समस्याओं की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला।
ओपीडी की शुरुआत 21 अक्टूबर, 2021 से की जायेगी, जो महीने में किसी एक दिन सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक रायपुर (एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशेलिटी हॉस्पिटल, रायपुर) में लगाई जायेगी। यहाँ डॉक्टर ललित वर्मा, कंसल्टेंट- पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंट्रोलाजी, हेपेटोलॉजी एंड लिवर ट्रांसप्लांट मरीजों को परामर्श देंगे।
डॉक्टर ललित वर्मा, कंसल्टेंट- पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंट्रोलाजी, हेपेटोलॉजी एंड लिवर ट्रांसप्लांट, एसआरसीसी ने कहा, “बहुत से भारतीय घरों में बच्चों की पेट सम्बंधित समस्याओं को घरेलू नुस्खों से दूर करने का प्रयास किया जाता है। क्योंकि ऐसी पेट की ऐसी समस्याएं किसी बड़ी समस्या की भी शुरुवाती लक्षण हो सकतीं हैं इसलिए ये उपाय उनके स्वास्थ्य को जोखिम में डाल सकते हैं। उसके अलावा खून की कमी, बाल झड़ना, त्वचा का पीला पड़ना, पीलिया आदि जैसे लक्षणों में लिवर की गंभीर बीमारियों की ओर संकेत कर सकती हैं। इन्हें बिल्कुल भी नज़रंदाज़ न करें, तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। चाहे फिर लिवर की कोई मामूली समस्या हो या गंभीर शुरवाती लक्षण पहचानें और जांच करवाएं व डॉक्टर की सलाह लें ताकि आने वाले जोखिम को रोका जा सके।”
डॉक्टर ललित वर्मा आगे बताते हैं, “जहां तक बात है लिवर ट्रांसप्लांट की , एसआरसीसी बच्चों के लिए सभी आधुनिक सुवधाओं से लैस अस्पताल है जहाँ अनुभवी डॉक्टर और मैनेजमेंट है। याद रखें जल्दी इलाज शुरु करने पर लिवर ट्रांसप्लांट की स्थिति को टाला जा सकता है, लेकिन बेहद गंभीर स्थितियां जैसे लिवर फेलियर की आखिरी स्टेज, लिवर सिरोसिस आदि में लिवर ट्रांसप्लांट अक्सर जीवन बचाने जैसा होता है। हम उम्मीद करते हैं कि इस ओपीडी के ज़रिये हमारे परामर्श मरीज़ों के लिए मददगार होंगे।“
बच्चे समाज का भविष्य होते हैं, अगर उनके स्वास्थ्य के विषयों पर आज उचित ध्यान नहीं दिया गया तो मुमकिन है कि कल उनका व्यसक जीवन पीड़ा में गुज़रे। छत्तीसगढ़ में पीडियाट्रिक गैस्ट्रिक समस्याएं एक चिंता का विषय है, इस सन्दर्भ में अधिक जागरूकता की आवश्यकता है। अधिकतर समस्या बच्चे अपनी पीड़ाओं व समस्याओं के बारे में नहीं बोल पाते, यह हमारा फ़र्ज़ है कि उनके स्वास्थ्य का उचित ध्यान रखें।
नारायणा हेल्थ एसआरसीसी चिल्ड्रेन्स अस्पताल के बारे में:-
एसआरसीसी चिल्ड्रेन्स अस्पताल हाजी अली पार्क, मुंबई सेन्ट्रल में 207 बेड्स की क्षमता वाला टर्शरी केयर अस्पताल है जिसमें नवजातों, बच्चों और किशोरों को मल्टी-स्पेशलिटी सेवायें दी जाती हैं। इसका प्रबंधन पीडियाट्रिक केयर की मज़बूत साख के साथ नारायणा हेल्थ के अंतर्गत किया जाता है। एसआरसीसी- शारीरिक चुनौतियों से जूझ रहे बच्चों के लिए सेवाओं के लिए जाना माना संस्थान है। अंतराष्ट्रीय पैमानों के अनुसार डिज़ाइन किया गया यह अस्पताल किफायती दामों पर विश्व स्तरीय सभी सुपरस्पेशलिटीज़ के साथ मेडिकल केयर समेत रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम्स का कम्पलीट सेट देता है।
नारायणा हेल्थ के बारे में:-
सवास्थ्य जगत की सभी सुपरस्पेशलिटी टरशरी केयर फैसिलिटी के साथ नारायणा हेल्थ वन स्टेप डेस्टिनेशन है। डॉक्टर देवी शेट्टी द्वारा फंडेड और बंगलूरु में स्थित नारायणा हेल्थ ग्रुप ऑपरेशनल बेड काउंट के हिसाब से भारत की दूसरी सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुविधाएँ देने वाली इकाई है। साल 2000 में सबसे पहले तकरीबन 225 बेड्स के साथ एनएच हेल्थ सिटी की बंगलूरु में बुनियाद रखी गई थी। और अब पूरे देश में 23 अस्पतालों के नेटवर्क के साथ 7 हार्ट सेंटर और देश से बहार केमन आइलैंड में 6200 से अधिक ऑपरेशनल बेड्स के साथ और अपने सभी सेंटरों में 7300 बेड्स की क्षमता के साथ मल्टीस्पेशेलिटी, टरशरी और प्राथमिक स्वास्थय सुविधाएँ दे रहा है।