केंद्र सरकार है जिम्मेदार : देश और प्रदेश में बढ़ रही महंगाई पर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने केंद्र सरकार को ठहराया दोषी..अब और 7 साल पहले की दामों से किया तुलना..

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भूपेश टांडिया

रायपुर 18 नवंबर 2021

 

 

 

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया ने कहा – मोदी सरकार की अकर्मण्यता और मुनाफाखोरी वाली नीति के कारण देश की जनता महंगाई से परेशान है, बदहाल है। नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से रोजमर्रा के सामानों की कीमत दोगुनी हो गयी है। महंगाई, देश की जनता पर मोदी सरकार प्रायोजित आपदा है। इससे साबित हो रहा है कि मोदी और उनकी सरकार की प्राथमिकता में गांव, गरीब, किसान, मजदूर, आम आदमी है ही नहीं। मोदी सरकार ने आम आदमी को राहत देने के लिये कभी कोई योजना नही बनाया, मोदी सरकार ने चंद उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिये योजना बनाया उसका क्रियान्वयन किया।

देश में बिकने वाली दालें और खाद्य तेल का 70 प्रतिशत हिस्सेदारी सिर्फ एक ही उद्योगघराने अडानी का है। देश में उत्पादित कोयले का अधिकांश एकाधिकार प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर अडानी का है। महंगाई बढ़ने के जो 5 महत्वपूर्ण कारण है जो सीधे-सीधे मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन से बने है-

1 नोटबंदी – बिना सोच विचार किये नोटबंदी लागू किया गया जिसका दुष्परिणाम यह हुआ देश की अर्थव्यवस्था पट्री से उतर गयी। उद्योग धंधे, व्यापार चौपट हो गये जो आज तक नहीं सुधरे जिसके कारण महंगाई बढ़ी।
2 जीएसटी – मोदी सरकार के द्वारा कई स्लैब में लागू की गई जीएसटी जिसके चलते अनेक वस्तुओं पर अतार्किक करारोपण किया एवं वस्तुओं के दाम बढ़ गये।
3 आर्थिक कुप्रबंधन – केंद्र सरकार का आर्थिक कुप्रबंधन महंगाई बढ़ाने का बड़ा कारक सिद्ध हुआ असंगत करारोपण बेतहाशा एक्साइज टैक्स के कारण डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़े जो महंगाई को बढ़ाने में बड़ा कारण बना।

4 निजीकरण – निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने वाली नीति के कारण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां हतोत्साहित हुई महंगाई बढ़ी।
5 विदेश नीति की असफलता – मोदी सरकार पड़ोसी राज्यों से बेहतर तालमेल बनाने में असफल साबित हुई जिसके कारण पड़ोसी राज्यों से आयात हो कर आने वाली महत्वपूर्ण सामाग्रियों के दाम बढ़े, महंगाई बढ़ी।

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मैं कुछ आवश्यक वस्तुओं की कीमतों का तुलनात्मक अध्ययन आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं जिससे स्पष्ट हो जायेगा कि देश में मोदी सरकार आने के बाद महंगाई कितनी बढ़ी है। देश की तस्वीर तब बनाम अब आपके सामने है आप खुद मनन करिये।

आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि

पेट्रोल कीमत एक्सा. ड्यूटी कच्चा तेल
2013 यूपीए 71.41 रू. 9.48 रू. 141 डॉलर प्रति बैरल
2021 भाजपा 102 रू. 27.90 रू. 82 डॉलर प्रति बैरल
डीजल कीमत एक्साइज ड्यूटी कच्चा तेल
2013 यूपीए 51 रू. 3.56 रू. 141 डॉलर प्रति बैरल
2021 भाजपा 94 रू. 21.80 रू. 82 डॉलर प्रति बैरल

यूपीए मोदी सरकार
कमर्शियल सिलेंडर 1327 रू 2000 रू.
घरेलू गैस सिलेंडर 410 रू. 1000 रू.

वस्तु, 2013 कांग्रेस सरकार, 2021 भाजपा सरकार
सरसों तेल 75 रू. 185 रू.
सोयाबीन तेल 70 रू 160 रू.
सूरजमुखी तेल 80 रू. 194 रू.
मूंगफली तेल 90 रू. 200 रू.
प्याज 10 रू. किलो 40-80 रू. किलो
शक्कर 28 रू. किलो 45 रू. किलो

 

वस्तु, 2013 कांग्रेस सरकार, 2021 भाजपा सरकार
चना दाल 51.52 रू. 90 रू.
उड़द की दाल 60.51 रू. 105.2 रू.
मूंग दाल 55 रू. 101 रू.
अरहर दाल 70 रू. 120 रू.

– प्लेटफार्म टिकट 2013 में 5 रू.
2021 में 50 रू.

7 साल में
– नहाने का साबुन – 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी 12 रू. वाला साबुन 16 रू. हो गया
कपड़ा धोने का साबुन – 40 प्रतिशत बढ़ोतरी 10 रू. वाला साबुन 14 रू. हो गया

– कपड़ों के दाम में 58 प्रतिशत तक बढ़ोतरी
– जूतों के दाम में – 25 प्रतिशत बढ़ोतरी (18 प्रतिशत जीएसटी के कारण)

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– सोना 27 हजार प्रति 10 ग्राम (तोला) से बढ़कर 50 हजार रू. प्रति 10 ग्राम
– चांदी 32 हजार रू किलों से बढ़कर 69 हजार रू प्रति किलों

– मकान बनाने की लागत दोगुनी
– 2013 तक 500 वर्ग फुट का मकान में अधिकतम लागत 3.5 लाख थी जो
– आज यह 7.5 लाख – तक पहुंच गई

– उर्वरक महंगे हुये
1 पोटाश 450 रू. में मिलता था – अब 1000 रू. लगभग
2 सुपर कम्पोस्ट 240 रू. में मिलता था – अब 350 रू. लगभग
3 डीएपी 1200 रू. में मिलता था – अब 2500 रू.
– रेल टिकट में दोगुनी वृद्धि
– दवाओं का रेट बढ़ा है
– डीजल के कारण बस भाड़े में वृद्धि
– स्टील की कीमत बढ़ी
– नये कृषि कानूनों के कारण जमाखोरी हो रही है और कृषि उत्पादों में मूल्य वृद्धि हो रही है।
– डीजल के कारण मालभाड़े में वृद्धि हुई है। जिसके कारण लगभग सभी आवश्यक वस्तुये महंगी है।
– केवल सितंबर-अक्टूबर 2021 महीने में 21 बार बढ़े पेट्रोल के दाम
– 2021 में केवल एक साल में प्याज की कीमतों में 40 प्रतिशत की वृद्धि
– हवाई जहाज के तेल से 30 प्रतिशत अधिक महंगा है आम आदमी का पेट्रोल- डीजल
– अकेले 2021 में 205 रू. महंगा हुआ एलपीजी
– बैंकों में लेनदेन भी महंगा हुआ कांग्रेस शासनकाल में निःशुल्क था मोदी सरकार आने के बाद अतिरिक्त चार्ज लेना शुरू हुआ।
– महिलाओं के सौंदर्य प्रसाधन में 80 प्रतिशत की वृद्धि।
– कॉपी किताब स्टेशनरी में 70 प्रतिशत की वृद्धि।

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