भूपेश टांडिया
रायगढ़ / रायपुर 21 नवंबर 2021
अतिथि व्याख्याता संघ छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष भानु प्रताप आहिरे के साथ ही प्रतिनिधि मंडल माननीय उमेश पटेल जी के निवास पहुंचा था। अतिथि व्याख्याताओंं में व्याप्त बेरोजगारी के डर से लेकर महंगाई दर अनुसार वेतन विसंगति की बात रखी गई। तथा पिछले कई वर्षों के निरंतर प्रयासों से भी मंत्री महोदय को अवगत कराया गया।
सुश्री प्रतिमा राजपूत ने मांग रखी की पिछले कई वर्षों से अतिथि व्याख्याता उच्च शिक्षा में सेवा देते आ रहें हैं और इन्हें हर साल बेरोजगारी का भी सामना 6 माह करना पड़ जाता है। वेतनमान में महंगाई दर के अनुसार कोई भी बदलाव पिछले 11 वर्षों से नहीं हुआ है।
देवेन्द्र मिश्रा ने मंत्री महोदय के समक्ष अन्य राज्यों में लागू वेतनमान और सुविधाओं के संबंध में जारी आदेश सौंपकर करबद्ध निवेदन किया है कि छत्तीसगढ़ के अतिथि व्याख्याताओंं के नियम में बदलाव होने चाहिए। पूरे देश में अतिथि व्याख्याता उच्च शिक्षा की बैसाखी है, छत्तीसगढ़ में भी व्याख्याताओंं को जॉब सिक्योरिटी और सम्मानजनक वेतनमान देना आवश्यक है।
जफीर अहमद ने बताया कि माननीय राहुल गांधी भी अतिथि व्याख्याताओंं के नाम से अतिथि शब्द हटाने की व्यवस्था करने की बातें करते रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार हर दिशा में रोजगार की सुरक्षा लागू कर रही है। हम अतिथि व्याख्याताओं और हमारे आश्रित परिवारों को उमेश पटेल जी और मुख्यमंत्री महोदय से बहुत सी उम्मीदें है।
इसपर उच्च शिक्षा मंत्री ने अतिथि व्याख्याताओंं के प्रति पूर्ण सहानुभूति प्रकट करते हुए, मांग पर सहमति जताई है, तथा उन्होंने जल्द से जल्द मांग पूरी करने हर संभव कदम उठाने का वचन दिया है। प्रतिनिधि मंडल को मिले आश्वासन से प्रदेश के पांच संभाग के अतिथि व्याख्याताओंं और आश्रित परिवारों में हर्ष व्याप्त है।