खबर खास : गरीब पिता की मदद के लिए बैलों की जगह खुद जुत कर खेती करने वाली बेटियों के हौसले को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सराहा, परिवार को 04 लाख की मदद मंजूर की

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 05 दिसंबर 2021

अपने गरीब किसान पिता को खेत बेचने से रोकने के लिए उनकी मदद के लिए बैलों की जगह खुद हल में जुत जाने वाली दो बेटियों की कहानी प्रकाश में आने के बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस परिवार के लिए 04 लाख रुपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है।

 

 

हल जोतती दोनों बहनें

कोंडागांव जिले के उमरगांव के निवासी 22 साल की हेमबती और 18 साल की लखमी की कहानी अखबरों में प्रकाशित हुई थी। उनके पिता अमल साय एक गरीब किसान हैं। मां भी ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं। गरीबी की वजह से अमल साय अपनी बेटियों को पढ़ा नहीं पाए। परिवार के भरण-पोषण के लिए जब खेत बेचने की नौबत आ गई, तब बेटियों ने अपने पिता को रोकते हुए कहा आप हमारी जिंदगी बदलने के लिए खेत बेचना चाहते हैं, लेकिन इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। यही खेत हमारी जिंदगी बदलेंगे। हम आपका साथ देंगी। बेटियों की मदद के बाद किसान अमल साय की खेती संभलने लगी। राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने भी परिवार को संबल दिया। उन्हें उपज की अच्छी कीमत मिलने लगी। अब यह परिवार कम संसाधनों के बावजूद पांच एकड़ में खेती करता है, लेकिन इसके लिए बेटियों को अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ अब भी कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। अखबारों में यह कहानी प्रकाशित होने के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने कोंडागांव जिला कलेक्टर से परिवार की पूरी जानकारी मंगाई, ताकि उनकी मदद की जा सके। मुख्यमंत्री ने इस परिवार के लिए 04 लाख रुपए की मदद स्वीकृत की है।

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