प्रमोद मिश्रा
नागालैंड, 05 दिसंबर 2021
नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में कम से कम 13 आम लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि वह इस घटना की जांच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि क्या यह गलत पहचान का मामला है. सेना ने घटना की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का आदेश दिया है. सेना ने बताया कि इस दौरान एक सैन्यकर्मी शहीद हुआ है और कई अन्य सैनिक घायल हो गए. सेना ने कहा कि यह घटना और उसके बाद जो हुआ, वह ‘‘अत्यंत खेदजनक’’ है और लोगों की मौत होने की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है ।
इस मामले पर राजनीति तेज हो गई है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा यह घटना हृदय विदारक है. भारत सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए. गृह मंत्रालय वास्तव में क्या कर रहा है जब न तो नागरिक और न ही सुरक्षाकर्मी हमारी भूमि में सुरक्षित हैं?
This is heart wrenching. GOI must give a real reply.
What exactly is the home ministry doing when neither civilians nor security personnel are safe in our own land?#Nagaland pic.twitter.com/h7uS1LegzJ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 5, 2021
घटना के संबंध में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतकों की सटीक संख्या का अभी पता नहीं चल पाया है. अब तक 13 लोगों की मौत की खबर है. नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने का वादा किया और समाज के सभी वर्गों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है ।
क्या है पूरा मामला?
नागालैंड में रविवार को उस समय तनाव बढ़ गया जब राज्य के कुछ युवाओं की मौत हो गई. मामला तब बढ़ा जब सुरक्षा बलों ने उन पर एनएससीएन के आतंकी होने पर संदेह के आधार पर तिरु गांव में कथित रूप से गोलीबारी की. यह मामला तब और बढ़ गया जब ग्रामीण घटना के विरोध में उतर आए और दावा किया कि युवक निर्दोष हैं. ग्रामीणों ने बताया कि युवक पास के कोयला क्षेत्रों से लौट रहे थे. घटना के कारण गुस्साए ग्रामीणों ने कई सुरक्षा वाहनों को आग लगा दी. उग्र ग्रामीणों को कंट्रोल करने के लिए सुरक्षा कर्मियों को हवा में गोलियां चलानी पड़ी ।