जशपुर में चाय और बस्तर में कॉफी की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, कृषि मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित टी-कॉफी बोर्ड की बैठक में लिया गया निर्णय, उद्योग भवन में टी-कॉफी बोर्ड के कार्यालय की स्थापना की स्वीकृति

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 28 दिसम्बर 2021

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर इलाके में चाय तथा बस्तर अंचल में कॉफी की खेती को बढ़ावा दिए जाने के लिए सर्वेक्षण एवं प्रोजेक्ट तैयार किए जाएंगे। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में आज यहां बीज भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ टी-कॉफी बोर्ड की प्रथम बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में छत्तीसगढ़ टी-कॉफी बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, विशेष सचिव कृषि डॉ. एस. भारतीदासन, संचालक उद्यानिकी माथेश्वरन व्ही., सीसीएफ बी.पी. सिंह, प्रबंध संचालक सीएसआईडीसी पी. अरूण प्रसाद, अपर संचालक कृषि एस.सी. पदम उपस्थित थे।

 

 

 

बैठक को सम्बोधित करते हुए मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि राज्य के जशपुर जिले में चाय तथा बस्तर अंचल में कॉफी की खेती की प्रारंभिक चरण के उत्साहजनक परिणाम को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के उत्तरी हिस्से में चाय और दक्षिण भाग में कॉफी की खेती को बढ़ावा देने, इससे किसानों को जोड़ने और उन्हें लाभान्वित करने, प्रसंस्करण एवं अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ टी-कॉफी बोर्ड का गठन किया है। उन्होंने जशपुर अंचल में चाय की खेती तथा बस्तर अंचल में कॉफी की खेती को विस्तार देने के लिए तमाम तरह की संभावनाओं का अध्ययन-सर्वेक्षण करने और इसके लिए तेजी से प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मंत्री चौबे ने नारायणपुर, सुकमा, पखांजूर इलाके में भी कॉफी की खेती के लिए सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चाय और कॉफी की खेती करने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना सहित विभागीय योजनाओं से लाभान्वित किए जाने, मार्केटिंग एवं कंपनियों से अनुबंध किए जाने के संबंध में भी अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। छत्तीसगढ़ टी-कॉफी बोर्ड की गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए उद्योग भवन के प्रथम तल में कार्यालय स्थापित किए जाने तथा आवश्यक अधोसंरचना एवं कार्यालयीन सेटअप का प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने के भी निर्देश दिए गए। छत्तीसगढ़ टी-कॉफी बोर्ड के लिए नियमावली तैयार करने के संबंध में भी बैठक में चर्चा की गई।

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यहां यह उल्लेखनीय है कि जशपुर जिले में 27 हेक्टेयर में चार की खेती सफलतापूर्वक की जा रही है। जशपुर अंचल की जलवायु एवं भौगोलिक स्थिति चाय की खेती के लिए अनुकूल है। यहां कॉफी उत्पादन की भी संभावना को देखते हुए इसके लिए भी सर्वेक्षण एवं परियोजना तैयार किए जाने की कार्रवाई की जा रही है। वन विभाग द्वारा जशपुर जिले में 100 हेक्टेयर रकबे में चाय की खेती की शुरूआत की गई है। इसी तरह बस्तर अंचल में वर्तमान में उद्यानिकी विभाग की देख-रेख में 34 हेक्टेयर में कॉफी की खेती की जा रही है। इससे उत्पादन भी प्राप्त होने लगा है। संचालक उद्यानिकी माथेश्वरन व्ही. ने बताया कि दरभा में 8 हेक्टेयर में, बकावन में 2 हेक्टेयर में तथा दरभा ब्लॉक के डिलमिली में 24 हेक्टेयर में कॉफी की खेती उद्यानिकी विभाग की देख-रेख में की जा रही है। उन्होंने बताया कि बस्तर के तोकापाल, लोहाण्डीगुड़ा, बास्तानार, बकावण्ड एवं दरभा ब्लॉक के 54 गांवों में 5108 हेक्टेयर में कॉफी की खेती के लिए कृषकों का चयन कर प्रस्ताव तैयार किया गया है। यहां कॉफी रोपण के लिए पौधे भी तैयार कर लिए गए हैं।

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