प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 29 जनवरी 2021
किसानों के प्रतिनिधिमंडल और मंत्रियों के बीच बातचीत का कोई हल नहीं निकल पाया । किसान अपनी मांगों पर अब भी कायम है और आगे भी आंदोलन जारी रखने की बात की है । आज रायपुर में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के बंगले में मंत्री मो. अकबर और मंत्री शिव डहरिया के साथ विधायक धनेंद्र साहू ने किसानों को समझाने की कोशिश में रहे लेकिन किसानों को शायद पूरी तरह से समझा नहीं पाए । लिहाजा, नवा रायपुर में आंदोलनरत किसानों और शासन के बीच 3 घंटे तक चली वार्ता विफल रही। अब किसान 3 फरवरी को सांसद राहुल गांधी को ज्ञापन सौंपने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि राहुल गांधी के आगमन पर भी छत्तीसगढ़ में किसानों की सुनवाई नहीं यह ज्ञापन कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को सौंपा जाएगा।
किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल दुबे का कहना है कि छत्तीसगढ़ के किसानों की शासन के समक्ष कोई सुनवाई नहीं हुई। अब वे 3 फरवरी को राहुल गांधी के समक्ष अपनी मांगे रखेंगे। साथ ही गांधीवादी सत्याग्रह करेंगे। किसानों का कहना है कि जबतक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
बता दें कि 27 गांवों के किसान नवा रायपुर में जमीन अधिग्रहण को लेकर करीबन महीनेभर से आंदोलनरत वे सभी आज कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के निवास पहुंचे थे। जिसके उपरान्त नवा रायपुर के किसानों के साथ मंत्रिमंडल उप समिति करीबन तीन घंटों तक मैराथन बैठक हुई। इस बैठक में किसान नेता और कांग्रेस के मंत्री रविंद्र चौबे, मो. अकबर, डॉ. शिव डहरिया, विधायक धनेंद्र साहू एवं अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू के साथ किसान नेता अपनी मांगों को लेकर चर्चा की।
मुआवजा समेत इन मुद्दों पर हुई चर्चा
किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने मीडिया से चर्चा में बताया कि किसानों के प्रतिनिधिमंडल से आर्थिक मुआवजा के अंतर में एवं तमाम मुद्दों में सार्थक चर्चा हुई है। अब आंदोलन खत्म करने का फैसला किसानों को लेना है। उन्होंने कहा कि किसानों की जो नाराजगी है, वह तत्कालीन सरकार से है।
सम्पूर्ण मागें पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन
इसके साथ ही किसान नेता रूपन लाल चंद्राकर ने बताया की आंदोलन जारी रहेगा। हमारी बिंदुवार माँगों पर चर्चा हुई है। अब देखना होगा कि इस चर्चा में अमल कितना होता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। फिलहाल, मंत्रियों ने आश्वासन दिया है कि बहुत जल्द फिर से हम चर्चा करेंगे।
इन मांगों को लेकर जारी है विरोध प्रदर्शन
● आपसी सहमति एवं भुअर्जन से भूमियों के अनुपात में पात्रतानुसार नि:शुल्क भूखण्ड आबंटन हो।
● बसाहट से सटे भूमियों का भुअर्जन से मुक्त तथा सम्पूर्ण बसाहट का पट्टा दिया जाए।
● वार्षिकी राशि का पूर्णतया आबंटन किया जावे, आडिट आब्जेक्शन अगर है तो कानूनी कार्रवाई से वसूली हो।
● प्रभावित क्षेत्र के प्रत्येक वयस्क (18 साल से ऊपर) को 1200 वर्ग फीट विकसित भूखण्ड अविलंब दिया जाए।
● प्रभावित क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगारों को योग्यता अनुसार रोजगार का प्रावधान।
● स्थानीय लोगों को पात्रता अनुसार गुमटी, चबूतरा, दुकान व्यवसाय आदि को लागत मूल्य में दिया जाए।
● भुअर्जन में मुआवजा नहीं लिए है सिर्फ ऐसे भूमियों पर चार गुणा मुआवजा लागू किया जाए।
● साल 2005 से भूमि क्रय विक्रय पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाये।