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सतर्क रहें : छात्रावास के चपरासी ने 75 लोगों से लिया नौकरी लगवाने के नाम पर पैसा, नौकरी नहीं लगी तो लोगों ने की थाने में शिकायत, पढ़िये CG की इस शातिर चपरासी की कहानी

प्रमोद मिश्रा

गौरेला/पेंड्रा/मरवाही, 3क जनवरी 2022

आजकल लोगों को नौकरी लगाने के नाम पर बेवकूफ बनाने की खबर सामने आते रहती है । सबसे ताज्जुब की बात यह है कि इस जाल में ज्यादातर शिक्षित युवक और युवतियां ही फंसते हैं । ताजा मामला छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही से आया हैं जहां गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में शातिर चपरासी ने नौकरी लगवाने का झांसा देकर 75 लोगों को ठग लिया। सभी को आदिवासी विकास विभाग में काम दिलाने की बात कही। इसकी एवज में 70 हजार से एक लाख रुपए तक वसूले। इसमें मल्टीपरपज स्कूल के एक क्लर्क ने भी उसका साथ दिया। काफी समय बीतने के बाद भी नौकरी नहीं लगी तो लोगों ने विभागीय अफसरों से शिकायत कर मरवाही थाने में FIR दर्ज कराई है।

 

जानकारी के मुताबिक, आदिवासी विकास विभाग की ओर से संचालित मरवाही स्थित बालक छात्रावास में श्याम दास वैष्णव चपरासी है। उससे ग्राम बरौर निवासी बिरेंद्र केवट का पुराना परिचय है। श्याम का बिरेंद्र के घर भी आना-जाना था। बीरेंद्र का कहना है कि दिसंबर 2020 में श्याम दास उसके घर आया और बताया कि आदिवासी विकास विभाग के हॉस्टल में चपरासी की नौकरी के लिए गुप्त रूप से वेकेंसी निकली है ।

पत्नी कर नौकरी के लिए भी दिए 45 हजार

आरोप है कि उसने नौकरी लगवाने के लिए 70 हजार रुपए मांगे और नहीं लगने पर पैसे लौटाने की बात कही। उसकी बातों में आकर बिरेंद्र ने 22 दिसंबर को श्यामदास के घर जाकर उसे रुपए दे दिए। कुछ दिन बाद श्यामदास ने बताया कि चपरासी की रेगुलर भर्ती एक साथ होगी। इस पर बीरेंद्र ने अपनी पत्नी प्रतिमा के लिए भी अगस्त 2021 में 45 हजार रुपए श्यामदास को दिए। इसके बाद भी नौकरी नहीं लगी तो श्याम दास से रुपए वापस मांगे।

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मल्टीपरपज स्कूल के क्लर्क से मिलवाया

इस पर श्याम दास ने बताया कि भर्ती के लिए दी गई रकम उसने अडभार निवासी पेंड्रा के मल्टीपरपज स्कूल में क्लर्क संतोष मिश्रा को दे दी है। उसी के माध्यम से नियुक्ति होनी है। उससे ही मिला देता हूं और फिर संतोष मिश्रा के पास श्यामदास लेकर गया। वह भी बोला कि तुम्हारा काम हो जाएगा। इसके बाद से ही दोनों आरोपी टाल-मटोल कर और इधर-उधर की बातें कर रहे हैं, लेकिन रुपए नहीं लौटा रहे हैं। इसके चलते वह परेशान हैं।

चपरासी को किया गया सस्पेंड

इससे पहले शनिवार को बिरेंद्र केवट के साथ ही गांव के अन्य लोग दुर्गा प्रसाद केंवट, लोभान सिंह उईके, सुषमा केंवट, नीतू उईके, नगेश्वर केंवट और ग्राम परासी का रवि केंवट सहित तमाम ग्रामीण आदिवासी विकास विभाग पहुंच गए। वहां उन्होंने सहायक आयुक्त राजेंद्र मिश्रा से मामले की लिखित रूप से शिकायत की। इस पर उनको चपरासी को सस्पेंड कर दिया है। हालांकि ग्रामीणों ने सोमवार को थाने पहुंचे और मामला दर्ज करा दिया।

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