■ एक प्राइवेट स्कूल के ड्रेस कोड के मोनो को लेकर बवाल
प्रमोद मिश्रा
कोरिया/रायपुर, 15 फरवरी 2022
एक तरफ पूरे देश में हिजाब और ड्रेस कोड को लेकर बहस छिड़ी हैं , तो वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने ड्रेस कोड की बाध्यता को खत्म कर दिया है । ऐसे में आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ में भी मामला तूल पकड़ सकता है । ड्रेस कोड को लेकर उपजे विवाद के बीच ही कोरिया के जनकपुर के न्यू लाइफ इंग्लिश मीडियम स्कूल में बच्चों के शर्ट में एक मोनो को लेकर विवाद बढ़ गया । बच्चों के शर्ट में धर्म विशेष के मोनो से पालकगण भड़क उठे थे । खबर प्रकाशित होने के बाद स्कूल प्रबंधन ने मोनो बदलने का फैसला लिया है । स्कूल प्रबंधन ने इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति भी जारी कर दिया है
मिली जानकारी के मुताबिक भरतपुर ब्लॉक मुख्यालय में न्यू लाइफ इंग्लिश हाई स्कूल चल रहा है, जिसमें नर्सरी से बारहवीं के करीब हजार से बारह सौ बच्चे अध्ययनरत हैं । कोरोना संक्रमण के कारण कुछ महीने पहले स्कूल खोलने की अनुमति मिली थी, तभी शिक्षण सत्र 2021-22 में यूनिफार्म को अचानक बदल दिया गया । जिसमें स्कूल प्रबंधन ने बाकायदा मोनो बनवाया है, जिसे हर स्टूडेंट्स के यूनिफार्म में लगाना अनिवार्य है ।
क्यों मच रहा बवाल?
स्कूल प्रबंधन ने जो मोनो बनवाया है उसमें स्कूल का नाम, पत्थर पर खड़ी क्रॉस जैसी आकृति, जलती मोमबत्ती, गुलाब फूल और किताब का चित्र बना है . वहीं शिक्षण सत्र को समाप्त होने में महज ढाई महीने शेष हैं, बावजूद इसके स्कूल प्रबंधन नया यूनिफार्म खरीदने दबाव बनाने लगा था । मामले में अलग-अलग धर्म के बच्चों के पालकगण यूनिफॉर्म में एक धर्म विशेष का मोनो लगा देखकर संशय में पड़ गए थे ।
मोनो में क्रॉस नहीं : प्राचार्य
यूनिफार्म में लगे मोनो में धर्म का प्रतीक क्रॉस नहीं है, बल्कि मेडिकल सिंबल प्लस है । सबका देखने का नजरिया है । हमने अपने आसपास प्रकृति से सिंबल को लिया है । पत्थर प्रकृति, मोमबत्ती रोशनी का सिंबल है ।