प्रमोद मिश्रा, रायपुर | 16 फरवरी, 2022
रायपुर के एकात्म परिसर में भाजपा की प्रेस कांफ्रेंस आयोजित हुई। इस कांफ्रेंस में भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम ने राज्य में स्वास्थ्य मामले में राज्य सरकार और सरकार के स्वास्थ्य मंत्री पर लचर तरीके से नेतृत्व करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे राज्य में स्वास्थ्य का हाल बेहाल हो चुका है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में लोगों को लचर स्वास्थ्य सुविधाओं का नुकसान उठाना पड़ रहा है,
स्वास्थ्य मंत्री कुर्सी बचाने और कुर्सी हथियाने में लगे हुए हैं। इस कारण राज्य में स्वास्थ्य विभाग की हालत खराब हो चुकी है। उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए राज्य सरकार के स्वास्थ्य अमले पर लापरवाही का आरोप लगाया। नेताम ने राज्य सरकार पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाया। उन्होंने मांग की है कि काल के गाल में समाने वाले लोगों की पहचान करके सभी को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही कोरोना काल में जिनकी मृत्यु हुई, उन्हें सांत्वना राशि दी जाए। इस कांफ्रेंस में भाजपा अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष नवीन मार्कण्डेय और प्रवक्ता अमित चिमनानी मौजूद रहे।
आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य और आंशिक रूप से आदिवासी बाहुल्य जिलों में 25 हजार 164 बच्चों की मौत हुई है. वहीं 955 गर्भवती महिलाओं की भी मौत हुई है। अब इस मामले में छत्तीसगढ़ भाजपा प्रादेशिक मुद्दा बनाने में जुटी हुई है। राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम ने राजधानी के भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता करके छत्तीसगढ़ में आदिवासी बच्चों और गर्भवती महिलाओं की मौत के जिलेवार आंकड़े पेश करते हुए राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है। भाजपा ने आदिवासी बाहुल्य प्रदेश में मौतों पर सरकार को घेरने शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि इस मामले को अब भाजपा आने वाले चुनाव तक खूब जोर शोर से उठाएगी।
उन्होंने कहा कि जिलेवार आंकड़ों के मुताबिक साल 2020-21 में शून्य से 28 दिन तक के नवजातों की मौत सर्वाधिक सरगुजा में 1085 और बस्तर में 752 हुई है . मौत के पीछे का कारण सेपसिस, एसफिक्सिया और अन्य कारण बताये गए हैं। वहीं 29 से 12 महीने तक के शिशुओं की मौत सर्वाधिक सूरजपुर में 361 और सरगुजा में 354 मौत हुई। मौत के पीछे का कारण निमोनिया, बुखार, खसरा और अन्य कारण बताये गए है। जबकि 1 से 5 वर्ष तक के बच्चों की मौत सर्वाधिक सरगुजा में 168 और बस्तर में 120 हुई। मौत के पीछे कारण निमोनिया, बुखार, खसरा और अन्य बताए गए. इसी तरह साल 2020-21 में गर्भवती महिलाओं की मौत सर्वाधिक बस्तर और बलरामपुर में हुई। मौत के पीछे का कारण ज्यादातर अन्य ही बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ एक मौत प्रसव में रुकावट और हेमरेज के कारण भी हुई है।