प्रमोद मिश्रा
रायगढ़, 17 मार्च 2022
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से ऐसी खबर सामने आई है, जिसने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सरकारी महकमा आखिर किस आधार पर ऐसे आदेश निकालते हैं जिनसे उनकी किरकिरी होना स्वाभाविक सी बात बन जाती है । ऐसे ही एक मामले में रायगढ़ के नायब तहसीलदार ने 10 लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन 10 नामितों में एक नाम भगवान भोलेनाथ यानी शंकर भगवान जी का भी है। नोटिस के मुताबिक 25 मार्च को पेशी है। अब यदि भगवान शंकर 25 तारीख को पेश नहीं हुए तो उन्हें उनकी जमीन से बेदखल किया जा सकता है। मामला रायगढ़ नगर निगम के अंर्तगत आने वाले वार्ड नंबर 25 यानी कहुआकुंडा क्षेत्र का है। जहां पर सरकारी जमीन और तालाब परन कब्जे का यह मामला है। इस रोचक मामले के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक वार्ड क्रमांक 25 की एक निवासी सुधा रजवाड़े ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई, उनका आरोप है कि कुछ लोगों ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया है। हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई। न्यायालय ने राज्य सरकार और तहसीलदार कार्यालय को इसकी जांच करने का आदेश दिया। तहसील कार्यालय के अधिकारी ने एक जांच टीम बनाकर जांच की। जांच में कब्जा करना पाया गया। जिसके बाद नायब तहसीलदार ने 9 अन्य कब्जाधारियों के साथ भगवान शंकर को भी नोटिस जारी कर दिया।
कब्जाधारियों को भेजे गए नोटिस में भगवान शंकर का नाम छठवें नंबर पर है, जबकि यह शिव मंदिर सार्वजनिक है। नोटिस में मंदिर के ट्रस्टी, प्रबंधक या पुजारी को संबोधित नहीं किया गया है, बल्कि सीधे शिव भगवान को ही नोटिस जारी किया गया है। नायब तहसीलदार रायगढ़ ने 25 मार्च 2022 को न्यायालय में सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। नोटिस में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत अनाधिकृत है। इसके लिए आपको 10 हजार रुपए का जुर्माना तक अर्थदंड से दंडित कर कब्जारत भूमि से बेदखल किया जा सकता है। अब देखना होगा कि भगवान शंकर 25 मार्च को पेश होते हैं, या फिर उन्हें अपने घर यानी कि मंदिर से बेदखल किया जाता है।