■ स्वास्थ्य मंत्री ने CMHO को दिए जांच के आदेश
■ बीएमओ को किया गया निलंबित
प्रमोद मिश्रा
अम्बिकापुर, 26 मार्च 2022
छत्तीसगढ़ में सरकारी सिस्टम की पोल खोलती हुई एक और तस्वीर सामने आई हैं जिसने बता दिया है कि सरकारी सिस्टम कितनी कमजोर और बेबस है । दरअसल, छत्तीसगढ़ के सरगुजा में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। सरकारी अस्पताल में 7 साल की बच्वी की मौत हो गई। बेटी का शव ले जाने के लिए पिता एंबुलेंस मांगता रहा, जब नहीं मिली तो कंधे पर शव लेकर 10 किमी पैदल घर पहुंचा। आरोप है कि नर्स के गलत इंजेक्शन देने के कारण बच्ची की मौत हुई है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद BMO को पद से हटा दिया गया है। साथ ही मामले की जांच की जा रही है।
दरअसल, पूरा मामला लखनपुर ब्लॉक का है। ग्राम अमदला के रहने वाले ईश्वर दास की बेटी की तबीयत दो दिन से खराब थी। उसे बुखार आ रहा था। इस पर परिजन उसे इलाज के लिए शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लखनपुर लेकर पहुंचकर भर्ती करा दिया। इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया। शव ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस की मांग की गई, लेकिन लंबी इंतजार के बाद भी एम्बुलेंस नहीं मिल सकी । एम्बुलेंस नहीं आने पर पिता ने अपने बेटी का शव अपने कंधे पर रखकर 10 किलोमीटर का सफर तय किया ।
पिता बोले- एंबुलेंस मांगी, पर प्रबंधन टालमटोल करता रहा
इसके बाद शहर की सड़कों पर विचलित कर देने वाली तस्वीर सामने आई। पिता ने अपने कंधे पर ही बेटी के शव को उठाया और करीब 10 किमी पैदल चल अपने घर पहुंचे। बच्ची के पिता ईश्वर दास ने बताया कि उन्होंने शव वाहन के लिए अस्पताल प्रबंधन से कहा था, लेकिन वह आनाकानी करते रहे। वहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नर्स ने उनकी बेटी को गलत इंजेक्शन दिया। इसके बाद उसकी नाक से खून बहने लगा और मौत हो गई।
स्वास्थ्य मंत्री ने CMHO को जांच के निर्देश दिए
दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि एक विचलित करने वाली तस्वीर सामने आई है, जहां एक व्यक्ति द्वारा कंधे में शव को लेकर ले जा रहा है। इसे संज्ञान में लिया गया है। और CMHO को जांच के आदेश दिए गए है। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस आने में देर हुई थी। बताया कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन की व्यवस्था के लिए कवायद तेज की जाएगी। जिससे इस तरह की घटना सामने दोबारा ना हो सके।
BMO को पद से हटाया गया
इस घटना के सामने आने और स्वास्थ्य मंत्री के वक्तव्य के बाद CMHO ने ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) डॉ. पीएस केरकट्टा को उनके पद से हटा दिया है। उनको भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि बच्ची के परिजनों को एंबुलेंस नहीं उपलब्ध कराकर उन्होंने अपने कार्य में घोर लापरवाही की है। साथ ही CMHO ने सामने उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है। स्पष्टीकरण उचित नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी। उनकी जगह डॉ. रूपेश गुप्ता को जिम्मेदारी सौंपी गई है।