प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 29 मार्च 2022
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध स्थलों में से एक भोरमदेव में कल से भोरमदेव महोत्सव की शुरुआत हो रही है । छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के कलाकार के साथ बॉलीवुड के भी गायक अपनी कला की प्रस्तुति देंगे । भोरमदेव महोत्सव को लेकर लोगों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है । महोत्सव को लेकर छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग ने पूरी तैयारी की है जिससे लोगों को कोई परेशानी न हो ।
भोरमदेव मंदिर का इतिहास
भोरमदेव मंदिर छत्तीसगढ के कबीरधाम जिले में कबीरधाम से 18 कि॰मी॰ दूर तथा रायपुर से 125 कि॰मी॰ दूर चौरागाँव में एक हजार वर्ष पुराना मंदिर है।
मंदिर के चारो ओर मैकल पर्वतसमूह है जिनके मध्य हरी भरी घाटी में यह मंदिर है। मंदिर के सामने एक सुंदर तालाब भी है। इस मंदिर की बनावट खजुराहो तथा कोणार्क के मंदिर के समान है जिसके कारण लोग इस मंदिर को ‘छत्तीसगढ का खजुराहो‘ भी कहते हैं। यह मंदिर एक एतिहासिक मंदिर है। इस मंदिर को 11वीं शताब्दी में नागवंशी राजा गोपाल देव ने बनवाया था। ऐसा कहा जाता है कि गोड राजाओं के देवता भोरमदेव थे एवं वे भगवान शिव के उपासक थे। भोरमदेव , शिवजी का ही एक नाम है, जिसके कारण इस मंदिर का नाम भोरमदेव पड़ा ।