प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 19 अप्रैल 2022
छत्तीसगढ़ में पीएससी के जरिए नियुक्ति हुए डॉक्टरों के लिए स्वास्थ विभाग द्वारा जारी किया गया नियम गले की फांस बनता दिख रहा है । दरअसल, मेडिकल कॉलेजों के लिए पीएससी से सेलेक्ट डाक्टरों के लिए इस बार अजीबोगरीब शर्त रख दी गई है। डाक्टरों ने अगर तीन साल के भीतर नौकरी छोड़ी या किसी कारणवश उन्हें निकाला गया तो जितने महीने का उन्हें वेतन और भत्ता उन्हें मिल चुका होगा, डाक्टरों को सब लौटना होगा। इस शर्त ने चयनित डाक्टरों के साथ-साथ पूरे चिकित्सा विभाग को चौंका दिया है।
स्वास्थ्य विभाग ने 1150 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला था, लेकिन 599 डाक्टर ही ही सेलेक्ट हुए। लगभग आधे डाक्टरों के पद खाली रह गए हैं। सेलेक्ट डाक्टरों को भी इसकी जानकारी तब हुई जब चयन सूची जारी की गई। चयन सूची के साथ जो आदेश जारी किया गया है, उसमें आधा दर्जन निर्देश हैं।
उसमें दूसरे नंबर के निर्देश वेतन और भत्ते से संबंधित है। उसमें स्पष्ट लिखा गया है कि तीन साल की परीवीक्षा अवधि के पहले उन्होंने नौकरी छोड़ी या निकाला गया तो वेतन के साथ भत्ता लौटाना होगा। विभाग के कई सीनियर और आला अफसर भी इस नई शर्त से हैरान हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस अजीब शर्त के सभी चयनित डाक्टर ज्वाइन करेंगे?
डॉक्टर ज्वाइन नहीं करेंगे, इसलिए कुछ शर्त हटाई गई, लेकिन नई जोड़ दी
पहले एक शर्त थी कि तीन साल की परीवीक्षा अवधि में पहले साल डाक्टरों को केवल 70 फीसदी ही वेतन दिया जाना तय किया गया था। यानी जितना वेतन उनके लिए तय किया गया है उसका केवल 70 फीसदी ही पहले वर्ष दिया जाएगा।
दूसरे साल 80 फीसदी, तीसरे साल 90 और चौथे साल तीन वर्ष की परीवीक्षा अवधि पूर्ण करने पर सौ फीसदी वेतन दिया जाना तय किया गया था। अफसरों के विरोध के बाद इस नियम को डाक्टरों के लिए हटाया गया, लेकिन एक नई शर्त जोड़ दी गई।