प्रमोद मिश्रा
जांजगीर, 13 जून 2022
छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के मालखरौदा ब्लॉक के ग्राम पिहरीद में फंसे 11 साल के मासूम राहुल को बचाने 61 घंटे से जारी रेस्क्यू अब अपने अंतिम स्टेज पर पहुँचने वाला है । लेकिन, अंतिम खुदाई से पहले चट्टान ने रेस्क्यू टीम की परेशानी बढ़ा दी है । रेस्क्यू टीम दिन और रात को एक कर राहुल को सुरक्षित निकालने में लगी हुई है । खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राहुल के परिजनों के साथ जिले के कलेक्टर और रेस्क्यू टीम के सदस्यों से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ा रहे हैं । इस बीच बड़ी खबर है कि 10 फ़ीट टनल को बनाने में लगभग 5 घण्टे से ज्यादा का वक्त लग सकता है । ऐसे में हो सकता है कि अच्छी खबर आने में थोड़ा और वक्त लगेगा ।
पिहरिद गांव में चट्टान की वजह से रेस्क्यू टीम को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। बड़ी ड्रिल मशीन का उपयोग भी नहीं किया जा रहा, क्योंकि इससे आसपास कंपन होने की संभावना है। इससे राहुल को परेशानी हो सकती है। बाकी का काम छोटी ड्रिल मशीन और हाथी के खुदाई के जरिए किया जा रहा है। इससे पहले रोबोट इंजीनियर की सहायता लेकर राहुल को निकालने का प्रयास किया गया था, लेकिन वह सफल नहीं रहा।
सुबह उठा राहुल और लिया नाश्ता
रात के वक्त राहुल सो गया था। उसका कुछ मूवमेंट समझ नहीं आ रहा था। इस बीच सुबह करीब 5 बजे जब उसने मूवमेंट किया तो उसे खाने के लिए फ्रूटी और केले दिए गए। कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला कैमरे से खुद बच्चे की निगरानी कर रहे हैं। देर रात तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कलेक्टर से बातचीत करते रहे। उन्होंने लगातार रेस्क्यू के संबंध में अधिकारियों से बातचीत की। इसके बाद देर रात ट्वीट भी किया है। वो लगातार इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन बनाए हुए हैं। सीएम ने सुबह भी एख ट्वीट किया है, उन्होंने लिखा है कि कुछ भी मशीन का इस्तेमाल करने से पहले राहुल के बारे में सोचा जा रहा है ।
राहुल अभी एक्टिव है@JanjgirDist के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला का कहना है कि इस अभियान में यह अच्छी बात है कि राहुल अभी एक्टिव है, हमारा भी रेस्क्यू चल रहा है। जो अभी 3 मीटर की दूरी में राहुल फसा हुआ है। लेकिन कठोर चट्टान की वजह से ही कुछ दिक्कत है। #SaveRahulAbhiyaan pic.twitter.com/NfEQ90lrXA
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) June 13, 2022
SDRF, NDRF, सेना के जवान, प्रशासन के अधिकारी गड्ढे में ही मौजूद हैं। बच्चे के परिजन भी उस जगह पर हैं, जहां पर बोरवेल के लिए गड्ढा किया गया था। राहुल लगातार हलचल कर रहा है। वह प्रशासन की टीम को सहयोग भी कर रहा है। राहुल के लिए ना सिर्फ जांजगीर जिले में, बल्कि पूरे प्रदेशभर के लोग प्रार्थना कर रहे हैं।
SECL की टीम पहले से मौजूद
लगभग 10 फीट की टनल बनाई जा रही है । टनल के लिए करीब 20 फीट लंबा पाइप तैयार है। काम शुरू होने के बाद उसे नीचे उतारा जाएगा। SECL की इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम भी पहुंची हुई है। राहुल के लिए प्रशासन के निर्देश पर अब SECL की कुसमुंडा, मानिकपुर और मनेंद्रगढ़ से भी रेस्क्यू टीम भी पहुंची है। इसे SECL की सबसे बड़ी रेस्क्यू टीम बताया जा रहा है। यह टीम अंडरग्राउंड खदान में अचानक होने वाली दुर्घटनाओं के समय राहत और बचाव करती है। वह अपने साथ कई तरह के उपकरण लेकर आई है। ऑफिसर इंचार्ज जीपी शुक्ला के नेतृत्व में 10 सदस्य इस टीम में हैं। यह टीम खदान में अचानक ऊपर की छत को धंसने से बचाने, गैस रिसाव को रोकने जैसे कार्य करती है।
शुक्रवार को गिरा था राहुल
राहुल साहू (10) का शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चला। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा है। ये भी बताया गया है कि बच्चा मूक-बधिर है, मानसिक रूप से काफी कमजोर है। जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था।