प्रमोद मिश्रा, कसडोल/ रायपुर, छत्तीसगढ़ | 2 जुलाई, 2022
छत्तीसगढ़ में शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की धूम रही। प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी कसडोल ब्लॉक के रिकोकला गांव में भ्रमण करते हुए भगवान बलराम, सुभद्रा और प्रभु जगन्नाथ अपने रथ में सवार होकर सूरज डूबने से पहले अपने मौसी के घर पहुँचे। इस दौरान लोगों में व्यापक रुप से उत्साह देखा गया।
कसडोल ब्लॉक के वनाँचल क्षेत्र के प्रमुख गाँव रिकोकला में महाप्रभु की यात्रा निकाली गई। इस दौरान रथयात्रा में गाँव से सैकड़ों लोग शामिल हुए।
गांव के ग्रामीणों ने बताया कि भगवान बलराम, सुभद्रा और प्रभु जगन्नाथ अपने रथ में सवार होकर सूरज डूबने से पहले अपने मौसी के घर पहुँचे हैं। यहां भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ सात दिन तक रुकेंगे, फिर अपने रथ में पुनः सवार होकर अपने मुख्य मंदिर ठाकुरदिया धाम के समीप अपने जगन्नाथ मंदिर लौटेंगे।
आपको बता दें कि ग्राम रिकोकला में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा हर साल शुक्ला परिवार के सानिध्य में भक्तों के सहयोग से निकाली जाती है। हर साल अपने रथ पर सवार भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा को गाँव की सभी गलियों में भक्तों द्वारा खींच कर घुमाया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि जुलूस के दौरान अपने भगवान के रथों को खींचने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं, जो जाने या अनजाने में किए गये होते हैं। रथ के साथ भक्त मांदर की थाप की ध्वनि के साथ गीत और मंत्रों का जाप करते हैं। इस बार भी भगवान जगन्नाथ रथयात्रा में पूरा गांव भक्ति के सुंदर रंग से सराबोर दिखा।