प्रमोद मिश्रा
बस्तर, 16 जुलाई 2022
छत्तीसगढ़ के नक्सल क्षेत्र दंतेवाड़ा से ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो यह सवाल पूछ रही है कि यह सिस्टम का दोष है या अज्ञानता का नतीजा कि मरने वाले को शव वाहन भी नशीब नहीं हुआ?
दरअसल, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले से दिल को झकझोर देने वाली एक तस्वीर सामने आई है। अज्ञानता और आर्थिक तंगी ने एक परिवार को बुजुर्ग महिला के शव को खाट के सहारे पैदल गांव तक ले जाने मजबूर कर दिया। खाट में शव ढोकर जब 25 किमी के रास्ते में करीब 10 किमी पैदल चले तो पुलिस ने मदद की। फिर वाहन की व्यवस्था कर शव को गांव भिजवाया गया ।
दरअसल, यह मामला जिले के कुआकोंडा ब्लॉक का है। टिकनपाल गांव की रहने वाली महिला जोगी पोडियाम की किसी बीमारी की वजह से रेंगानार में मौत हो गई थी। जिसके बाद परिजनों ने रेंगानार से शव को ले जाने के लिए खाट का सहारा लिया। खाट को उल्टा कर उसमें रस्सी बांधी, फिर कंधे से उठाकर टिकनपाल गांव के लिए निकल पड़े।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि, उनके पास वाहन के पैसे नहीं थे। यह भी नहीं मालूम था कि अस्पताल से शव वाहन का बंदोबस्त हो जाएगा। इसी वजह से पैदल सफर तय करने का निर्णय लिया। लेकिन, इसी बीच कुआकोंडा थाना के जवानों की नजर इनपर पड़ी। जिसके बाद थाना प्रभारी चंदन कुमार भी मौके पर पहुंच गए। जिन्होंने तुरंत पिकअप वाहन का बंदोबस्त किया और शव को टिकनपाल गांव पहुंचाया।