1 Apr 2025, Tue 5:16:52 PM
Breaking

वीडियो : एम्बुलेंस को रास्ता देने PM मोदी का रुका काफिला, सोशल मीडिया में हो रही खूब तारीफ, देखें वीडियो

नेशनल डेस्क

गुजरात, 30 सितंबर 2022

गुजरात (Gujarat) में दो दिन की यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूसरे दिन गांधीनगर में स्वदेशी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का उद्घाटन करने के बाद अहमदाबाद में गुजरात की पहली मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। अहमदाबाद के समारोह के पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का काफिला गांधीनगर के लिए रवाना हुआ था।

 

एंबुलेंस को रास्ता देने के बाद रवाना हुआ काफिला

रास्ते में पीछे से एक एंबुलेंस को आता देख प्रधानमंत्री का काफिला रुक गया तथा एंबुलेंस को रास्ता देकर उसके आगे बढ़ जाने के बाद ही रवाना हुआ। वीआइपी मूवमेंट व अतिविशिष्ट लोगों के दौरे के वक्त कई बार ऐसी खबरें आती हैं कि बुजुर्ग , स्कूली बच्चों तथा एंबुलेंस को भी रोक दिया जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का काफिला अहमदाबाद-गांधीनगर मार्ग पर उस वक्त ठहर गया, जब पीछे से आ रही एक एंबुलेंस का सायरन सुनाई दिया। घटना अपने आप में बहुत छोटी लगती हो, लेकिन देश के पीएम के काफिले को रोककर सुरक्षाकर्मियों की ओर से एंबुलेंस के लिए रास्ता देना अनूठा कदम है।

इंटरनेट मीडिया पर भी हो रही तारीफ

इंटरनेट मीडिया पर इस मामले की खूब तारीफ हो रही है। प्रधानमंत्री के काफिले की सुरक्षा व्यवस्था देखने वाले अधिकारियों की भी सराहना की जा रही है। कई यूजर्स देश के अन्य राजनेताओं, अतिविशिष्ट व्यक्तियों तथा राजनीतिक दलों से भी ऐसा मानवीय अभिगम रखने आग्रह रखने के मैसेज कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कई कार्यक्रमों में लिया हिस्सा

पढ़ें   शिवरीनारायण 'राममय' : दुनिया में अलग होगी शिवरीनारायण की पहचान,माता शबरी की नगरी का बदला स्वरूप, पर्यटकों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाओं का हुआ निर्माण

पीएम मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले अपने दो दिवसीय तूफानी दौरे के पहले दिन शुक्रवार को सूरत, भावनगर, अहमदाबाद में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। मोदी ने सूरत को जहां मिनी हिन्दुस्तान बताया, वहीं भावनगर में दुनिया के पहले सीएनजी टर्मिनल का शिलान्यास करते हुए कहा कि गुजरात के पास लंबा समुद्री किनारा है, जो भारत के आत्मनिर्भर बनने और उसके विकास का द्वार है। यह देश के आयात-निर्यात में बहुत अहम भूमिका निभाता है। मोदी ने कहा कि देश जहां आजादी के 75 वर्ष पूरे कर चुका है, वहीं भावनगर अपनी स्थापना के 300 वर्ष पूरे कर रहा है। आजादी के बाद दशकों तक तटीय विकास पर पूरा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण समुद्री किनारा लोगों के लिए चुनौती बन गया। बीते दो दशक में समुद्री किनारों के विकास के लिए हमने ईमानदारी से प्रयास किया है।

Share

 

 

 

 

 

You Missed