प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 8 अक्टूबर 2022
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राजधानी रायपुर स्थित आज यहां उनके निवास कार्यालय में उद्योग मंत्री कवासी लखमा के नेतृत्व में सर्वआदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने सौजन्य मुलाकात की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आदिवासी समाज के मंत्री, विधायक और सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने 32 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति आरक्षण के मामले में मुलाकात की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में हमारी सरकार आदिवासियों के हित और उनके उत्थान के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने मुलाकात के दौरान शासन की मंशा से स्पष्ट रूप से अवगत कराते हुए कहा कि प्रदेश में आरक्षित वर्ग का किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा, यह हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता में है। सर्वप्रथम इस विषय को लेकर हम सर्वाेच्च न्यायालय में जाएंगे। मंत्रिमंडल की बैठक में भी इस सम्बंध में चर्चा होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासियों के हित को ध्यान रखते हुए इस मामले में जो भी आवश्यक कदम होगा, वह उठाया जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करते हुए कहा कि आदिवासियों के हित और उनके संरक्षण के लिए संविधान में जो अधिकार प्रदत्त है, उसका पालन के लिए हमारी सरकार पूरी तरह से सजग होकर कार्य कर रही है। हमारी स्पष्ट मंशा है कि संविधान द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग को प्रदान किए गए सभी अधिकारों का संरक्षण किया जाएगा। इस विषय में सरकार स्वतः संज्ञान लेकर सभी जरूरी कदम उठा रही है, इसलिए आदिवासी समाज को बिल्कुल भी चिंचित होने की जरूरत नहीं है। पूर्व में तात्कालीन सरकार द्वारा इस संबंध में आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, जिसका खामियाजा आदिवासी समाज को उठाना पड़ रहा है। हमारा मुख्य ध्येय राज्य में आदिवासी समाज को आगे बढ़ाते हुए उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि राज्य में हमारी सरकार के बनते ही आदिवासियों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वरिष्ठ विधायक मोहन मरकाम, संसदीय सचिव यू.डी. मिंज, शिशुपाल सोरी, गुलाब कमरो, संत कुमार नेताम, चंदन कश्यप, के.के. धु्रव, इंद्रशाह मंडावी, विक्रम मंडावी, राजमन बेंजाम, डॉ. लक्ष्मी धु्रव, छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, अश्वनी कांगे, मनहर धरपट्टी, सुनील मरकाम, बसंत कुजूर, एस.एस. कुमरे, शशि कुमार भगत सहित प्रदेशभर से आदिवासी समाज के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।