ब्यूरो रिपोर्ट
गुजरात, 31 अक्टूबर 2022
गुजरात के मोरबी पुल हादसे में अब तक 141 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं । सेना के जवान और एनडीआरफ अभी रेस्क्यू में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि अभी कई लोग लापता हैं। वहीं, 177 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है।
बता दें को मोरबी हादसे की पल-पल की जानकारी केंद्रीय मंत्री गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री दफ्तर को दी जा रही है। हादसे वाली पूरी रात शाह पीएमओ के संपर्क में रहे। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया है।
मोरबी में हुआ पुल हादसा कितना बड़ा है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि रेस्क्यू ऑपरेशन में गुजरात पुलिस, गोताखोर, एनडीआरएफ और भारतीय नौसेना के जवान लगे हैं। फायर बिर्गेड की टीमें भी घटनास्थल पर मोर्चा संभाले हुए हैं।
गौरतलब है कि मोरबी का यह ऐतिहासिक केबल पुल 143 साल पुराना है। इसकी लंबाई 765 फीट है। इस पुल का उद्धाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई (पहले बंबई) के गर्वनर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। उस समय इसकी लागत 3.5 लाख रूपये आई थी। बताया जाता है कि पुल बनाने का सारा सामान इंग्लैंड से मंगाया गया था। दिवाली से पहले इस पुल की 2 करोड़ रूपये में मरम्मत की गई थी।
बीजेपी सांसद के रिश्तेदारों की मौत
इस हादसे में बीजेपी सांसद मोहनभाई कल्याणजी कुंदारिया के 12 रिश्तेदारों की भी मौत हो चुकी है । हादसे में सुबह तक 141 लोगों की मौत हो चुकी है । वहीं 177 लोगों को जिंदा बचाया जा चुका है । सुरक्षित बचकर निकले एक प्रत्यक्षदर्शी ने हादसे के पीछे का कारण बताया । उसने बताया कि कुछ युवकों द्वारा पुल को जोर-जोर से हिलाने पर वो परिवार सहित पुल से नीचे उतर आए थे । उनके उतरने के कुछ मिनट बाद ही हादसा हो गया ।
हादसे को लेकर राजनीति शुरू
अब इस हादसे को लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है । कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी ने इस पर बीजेपी को घेरा है । कांग्रेस और आप ने इस घटना की जांच कराने की मांग की है । कांग्रेस ने कहा कि अभी राहत और बचाव पर ध्यान देने की जरूरत है लेकिन जवाबदेही तय करने की भी जरूरत है । वहीं सरकार की ओर से पुल का रखरखाव करने वाली एजेंसी के खिलाफ 304, 308 और 114 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है ।