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विधानसभा सत्र का दूसरा दिन : विधानसभा में CM ने रखा संविधान संशोधन विधेयक, विपक्ष ने किया सदन से वाक आउट

प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 02 दिसंबर 2022

छत्तीसगढ़ विधानसभा में दूसरे दिन की कार्रवाई जारी है। सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में अजय चंद्राकर ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम पर विशेषाधिकार भंग करने का आरोप लगाकर कार्यवाही की मांग की है।और कहा है कि, विधानसभा की अधिसूचना से पहले मोहन मरकाम को कैसे पता चला कि 2 दिसम्बर को बिल पेश होगा। हालाकि इस पर विधानसभा अध्यक्ष महंत ने कहा कि वे इस पर अपना फैसला बाद में देंगे। इधर अजय चंद्राकर और शिव डहरिया में तीखी नोकझोक हुई। मारपीट होते होते टल गई है। विपक्ष ने सदन से वाकआउट भी किया है।

 

विधानसभा में 4337 करोड़ 75 लाख 93 हजार 832 रुपए से अधिक का अनुपूरक बजट पेश हुआ है। अनुपूरक बजट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि, बेहतर वित्तीय प्रबंधन से अक्टूबर तक 898 करोड़ का राजस्व हुआ है। छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। प्रदेश में सभी वर्गों के लोगों की आय एवं क्रय क्षमता में वृद्धि हुई है। इस अनुपूरक बजट में सौर सुजला योजना के तहत 105 करोड़ का प्रावधान है। बिजली बिल हाफ करने के लिए में 31 करोड़ का प्रावधान है। स्टील उद्योग के उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए 57 करोड़ का प्रावधान है। वहीं राजीव गांधी किसान न्याय के तहत 950 करोड़ का प्रावधान है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत 129 करोड़ का प्रावधान रखा है।

 

अजय चंद्राकर और शिव डहरिया में नोकझोक

दरअसल, सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी गई थी। इस बीच शिव डहरिया ने विपक्ष को चुनौती दे दी। उसके बाद अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल सवाल-जवाब करने लगे। इधर डहरिया भी उनकी तरफ तेजी से बढ़े। बीच में दोनों एक दूसरे से टकराए। हालाकि, इस बीच दूसरे विधायक बीच-बचाव करने पहुंच गए।

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विशेष सत्र के दूसरे दिन यानि आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण का नया अनुपात तय करने वाला विधेयक पेश करने वाले हैं। इसी के साथ विधानसभा एक संकल्प भी पारित करने जा रहा है। इसमें केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा कि वे आरक्षण कानून को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल कर लें।

तय योजना के मुताबिक कार्यवाही के दूसरे हिस्से में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक 2022 को पेश करेंगे। इसके साथ ही शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) संशोधन विधेयक को भी पेश किया जाना है। सत्ता पक्ष और विपक्ष की चर्चा के बाद इन विधेयकों को पारित कराने की तैयारी है। राज्य कैबिनेट ने इन विधेयकों को प्रारूप को 24 नवम्बर को हुई बैठक में मंजूरी दी थी। इन दोनों विधेयकों में आदिवासी वर्ग-ST को 32%, अनुसूचित जाति-SC को 13% और अन्य पिछड़ा वर्ग-OBC को 27% आरक्षण का अनुपात तय हुआ है। सामान्य वर्ग के गरीबों को 4% आरक्षण देने का भी प्रस्ताव है। इसको मिलाकर छत्तीसगढ़ में 76% आरक्षण हो जाएगा।

 

19 सितम्बर तक प्रदेश में 68% आरक्षण था। इनमें से अनुसूचित जाति को 12%, अनुसूचित जनजाति को 32% और अन्य पिछड़ा वर्ग को 14% आरक्षण के साथ सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था थी। 19 सितम्बर को आए बिलासपुर उच्च न्यायालय के फैसले से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण खत्म हो गया। उसके बाद सरकार ने नया विधेयक लाकर आरक्षण बहाल करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को भानुप्रतापपुर की चुनावी सभा में कहा, भाजपा ने कभी OBC को आरक्षण का फायदा नहीं दिया। भाजपा की गलती की वजह से आरक्षण कानून निरस्त हुआ। उनकी सरकार अब नया कानून बनाकर SC-ST वर्गों को उनकी आबादी के अनुपात में, OBC को मंडल आयोग की सिफारिश के मुताबिक और EWS को संसद के मुताबिक आरक्षण देने जा रही है।

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