क्या राज्यपाल करेंगी हस्ताक्षर? : CM ने कहा – ’10 सवालों के जवाब राजभवन भेजा गया…राज्यपाल को अब हस्ताक्षर करने में देर नहीं करनी चाहिए..’, पढ़ें आरक्षण को लेकर बड़ी बातें

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 25 दिसंबर 2022

छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर फंसे पेंच के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कहा कि हमने जो सवाल राजभवन से आये थे, उनके जवाब राजभवन को भेज दिया है । मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्यपाल महोदया को अब बिना देर किए हस्ताक्षर कर देने चाहिए ।

 

 

 

आपको बताते चले कि आरक्षण संसोधन विधेयक पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर करने से पहले 10 सवालों के जवाब सरकार से मांगे थे । इसके बाद इस मामले में राजनीति बढ़ती गई और बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे के ऊपर आरोप लगाते रहे ।

राजभवन ने किन 10 सवालों के जवाब सरकार से मंगे?

 

  1. क्या इस विधेयक को पारित करने से पहले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का कोई डाटा जुटाया गया था? अगर जुटाया गया था तो उसका विवरण।
  2. 1992 में आये इंद्रा साहनी बनाम भारत संघ मामले में उच्चतम न्यायालय ने आरक्षित वर्गों के लिए आरक्षण 50% से अधिक करने के लिए विशेष एवं बाध्यकारी परिस्थितियों की शर्त लगाई थी। उस विशेष और बाध्यकारी परिस्थितियों से संबंधित विवरण क्या है।
  3. उच्च न्यायालय में चल रहे मामले में सरकार ने आठ सारणी दी थी। उनको देखने के बाद न्यायालय का कहना था, ऐसा कोई विशेष प्रकरण निर्मित नहीं किया गया है जिससे आरक्षण की सीमा को 50% से अधिक किया जाए। ऐसे में अब राज्य के सामने ऐसी क्या परिस्थिति पैदा हो गई जिससे आरक्षण की सीमा 50% से अधिक की जा रही है।
  4. सरकार यह भी बताये कि प्रदेश के अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग किस प्रकार से समाज के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ों की श्रेणी में आते हैं।
  5. आरक्षण पर चर्चा के दौरान मंत्रिमंडल के सामने तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 50% से अधिक आरक्षण का उदाहरण रखा गया था। उन तीनों राज्यों ने तो आरक्षण बढ़ाने से पहले आयोग का गठन कर उसका परीक्षण कराया था।
  6. छत्तीसगढ़ ने भी ऐसी किसी कमेटी अथवा आयोग का गठन किया हो तो उसकी रिपोर्ट पेश करे।
  7. क्वांटिफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट भी मांगी है।
    विधेयक के लिए विधि विभाग का सरकार को मिली सलाह की जानकारी मांगी गई है। राजभवन में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए बने कानून में सामान्य वर्ग के गरीबों के आरक्षण की व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं। तर्क है कि उसके लिए अलग विधेयक पारित किया जाना चाहिए था।
  8. अनुसूचित जाति और जनजाति के व्यक्ति सरकारी सेवाओं में चयनित क्यों नहीं हो पा रहे हैं।
  9. सरकार ने आरक्षण का आधार अनुसूचित जाति और जनजाति के दावों को बताया है। वहीं संविधान का अनुच्छेद 335 कहता है कि सरकारी सेवाओं में नियुक्तियां करते समय अनुसूचित जाति और जनजाति समाज के दावों का प्रशासन की दक्षता बनाये रखने की संगति के अनुसार ध्यान रखा जाएगा।
  10. सरकार यह बताये कि इतना आरक्षण लागू करने से प्रशासन की दक्षता पर क्या असर पड़ेगा इसका कहीं कोई सर्वे कराया गया है?
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