CG में आरक्षण का मुद्दा : कांग्रेस ने जन अधिकार रैली में दिखाई ताकत, राजभवन जाकर राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, राज्यपाल ने कहा – ‘हर पहलू पर विचार के बाद लूंगी फैसला’

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 03 जनवरी 2023

छत्तीसगढ़ में इन दिनों सड़क से लेकर सदन तक आरक्षण की लड़ाई देखी जा रही है । बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर आरोप लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं । आज रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में कांग्रेस ने जन अधिकार रैली की। इसके बाद कांग्रेस के मंत्रियों, विधायकों का प्रतिनिधि मंडल राजभवन पहुंचा। करीब 1 घंटे से भी अधिक वक्त तक प्रदेश के 12 मंत्री, 5 सीनियर विधायक, कुछ नए विधायक, सांसद कांग्रेस संगठन के बड़े नेता राजभवन में पहुंचे ।

 

 

 

यहां राज्यपाल को ज्ञापन देकर कांग्रेस नेताओं की ओर से कहा गया कि आरक्षण विधेयक पर जल्द से जल्द हस्ताक्षर करें। कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश में रुकी हुई भर्तियों, एडमिशन का हवाला देकर इसे जन सरोकार का बड़ा मुद्दा भी बताया। राज्यपाल ने सब कुछ सुनने के बाद साफ तौर पर कह दिया कि वो ये चाहती हैं कि प्रदेश में आरक्षण व्यवस्था बहाल हो, मगर हर पहलू पर विचार के बाद ही फैसला लेंगी

कांग्रेस द्वारा सौंपा गया ज्ञापन

जल्द लेंगी फैसला

राजभवन से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर आए प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा- हमने आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर कर त्वरित निदान करें ये बात राज्यपाल से कही है, उन्होंने कहा है कि हर पहलू पर विचार के बाद लूंगी फैसला। हमें लगता है वो जल्दी फैसला करेंगी। हम लोकतांत्रित व्यवस्था में हैं, हमनें आग्रह निवेदन किया है। हमें उन्होंने आश्वस्त किया है। समय सीमा नहीं बताई गई है। हम फिलहाल तो मिलकर लौटे हैं, आगे क्या करना है जल्द ही फैसला करेंगे।

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सीएम ने जन अधिकार रैली में बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया

जन अधिकार रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्यपाल ने तो कहा था आप विधेयक भेजिए 1 मिनट में हस्ताक्षर कर दूंगी, और 1 महीने से भी ज्यादा वक्त बीत गया। मगर अब तक विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं हुए। मैंने कई बार कहा कि राज्यपाल अपनी हठधर्मिता छोड़ें मगर वह राजी नहीं हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हर मोर्चे पर जनता के अधिकार के लिए हम लड़ेंगे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, भाजपा नहीं चाहती कि आदिवासियों के जीवन में परिवर्तन आए। भाजपा चाहती नहीं कि किसान, मजदूर, अनुसूचित जाति के नौजवान के जीवन में परिवर्तन आए। लेकिन कांग्रेस हमेशा अधिकार की बात करती है। आज आरक्षण के माध्यम से हमारे नौजवान युवकों को अधिकार देने की बात छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है।

छत्तीसगढ़ की जनता से बदला ले रही हैं भारतीय जनता पार्टी । लेकिन,  आपसे कहना चाहता हूं कई संकट छत्तीसगढ़ सरकार के ऊपर लाने की कोशिश की गई जब हम 2500 रुपये क्विंटल धान खरीदने की बात कर रहे थे तो केंद्र सरकार ने अड़ंगा लगाया कि समर्थन मूल्य से ₹1 ज्यादा दिया तो आपका धान नहीं खरीदा जाएगा। लेकिन छत्तीसगढ़ की सरकार ने फैसला किया कि सरकार घाटा खा लेगी लेकिन किसानों को नुकसान नहीं होने देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, कानून से बाहर जाकर हमने कोई काम नहीं किया है। हमने किसी के साथ अन्याय नहीं किया। हमारा रास्ता न्याय और भाईचारे का है। महीना बदल गया, साल बदल गया लेकिन राज्यपाल ने हस्ताक्षर नहीं किया। राज्यपाल न हस्ताक्षर कर रही हैं न विधेयक लौटा रही हैं। भाजपा आरक्षण विरोधी है, किसी को आरक्षण का लाभ न मिल पाए, ये भाजपा की मंशा है।

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स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यपाल को बदलने की मांग

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल आरक्षण के विधेयक पर निर्णय नहीं ले पा रही हैं, उन्हें अपने आपको इस जिम्मेदारी भरे पद से अलग कर लेना चाहिए। छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।

 

 

 

 

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