12 May 2025, Mon 2:16:25 AM
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छत्तीसगढ़:धर्मांतरण पर सियासी बवाल के बीच 100 परिवारों ने की घर वापसी, दिलाई गई शपथ

Durg News: छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर मचे बवाल के बीच राज्य के दुर्ग में पहली बार 15 साल पहले अपना धर्म छोड़कर दूसरे धर्म को अपनाने वाले 100 से ज्यादा परिवारों ने फिर से सनातन धर्म में वापसी की है. 3 दिवसीय सर्व हितकारिणी मानव सेवा संस्थान और समस्त हिंदू संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में दुर्ग राष्ट्र रक्षा महासम्मेलन और विश्व कल्याण महायज्ञ का आयोजन किया गया. अभियान के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने धर्मांतरित परिवारों के पांव धोकर उनकी घर वापसी कराई.

राष्ट्र रक्षा महासम्मेलन और विश्व कल्याण महायज्ञ के बैनर तले 3 दिवसीय राष्ट्र रक्षा महासम्मेलन घर वासपी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से आचार्य अंशु देव आर्य और दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव के बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव शामिल हुए. 15 साल पहले किसी मजबूरी की वजह से अपना धर्म बदल कर दूसरे धर्म में गए लोगों को इस आयोजन के माध्यम से फिर से सनातन धर्म में वापसी कराई गई. 100 से ज्यादा लोगों ने सनातन धर्म में वापसी की है.

पैर धोकर लोगों की कराई घर वापसी

 

प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने घर वापसी करने वाले लोगों के पूरे विधि विधान से और पूजा अर्चना और मंत्रों के साथ उनके पैर धोकर उन्हें फिर से सनातन धर्म में वापसी कराई. सनातन धर्म में वापस आए लोगों को शपथ दिलाई गई. इस घर वापसी कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से लगभग 100 से ज्यादा लोग जो किसी मजबूरी के कारण दूसरे धर्म में चले गए थे उन लोगों ने फिर से सनातन धर्म को अपनाया है.

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जानें, प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने लोगों से क्या कहा

प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जो लोग भी हिंदू लोगों का धर्मांतरण कराएंगे हम लोग उनका सर्वनाश करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि जब मेरे पिता स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव घर वापसी कराते थे तो लोग कहते थे कि आप राजा हैं, पैर क्यों धो रहे हैं ? तब मेरे पिता बड़े गर्व से कहते थे कि भले ही मैं राजा हूं लेकिन जिस कारण से मेरा हिंदू इस धर्म से अलग हुआ है, भले ही लालच से हो या ऊंच-नीच भेदभाव से हो. जाति पाति, छुआ-छूत से हो, उन सारी धारणाओं के विरुद्ध मैं इनके पैर धोकर इनको सम्मान देकर मैं पुनः इनको स्थापित करूंगा, इनके पूर्वजों से जोड़ूंगा. आज उनके इस काम को हम सबको मिलकर आगे बढ़ाना है.

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