पुंछ जिले के भाटादूडियां इलाके में सैन्य वाहन पर हुए आतंकी हमले के सिलसिले में अब तक 15 ओजीडब्ल्यू समेत 50 लोगों को पूछताछ के हिरासत में लिया गया है। कुछ को पूछताछ के बाद छोड़ भी दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, भाटादूडियां आतंकी हमले के पीछे पीओजेके में मौजूद आतंकी रफीक नाई की मुख्य भूमिका के संकेत मिल रहे हैं।
आतंकी रफीक इसी क्षेत्र का रहने वाला है और 16 वर्ष पहले नियंत्रण रेखा के उस पार भाग गया था। जहां रफीक नाई की उस पार आतंकी संगठनों में अच्छी खासी पैठ है वहीं अपने मूल स्थान के साथ ही उपजिला में भी उसकी मजबूत पकड़ है।
उधर, भाटादूडियां समेत आसपास के इलाकों में पुलिस और सुरक्षाबलों का तलाशी अभियान चौथे दिन में प्रवेश कर गया है। इससे पहले किश्तवाड़ में रविवार को सैकड़ों लोगों ने हमले में शहीद हुए जवानों के परिवार के प्रति एकजुटता दिखाते हुए कैंडल मार्च निकाला।
पुंछ जिले में सैन्य जवानों पर आतंकी हमले की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने भाटादूड़ियां जंगल और मौका-ए वारदात का डंप डाटा खंगालना शुरू कर दिया है। मौका-ए वारदात और इसके आसपास के इलाकों में एनआईए और पुलिस ने उस दिन इस्तेमाल होने वाले मोबाइल फोन का डाटा खंगालना शुरू किया है।
ताकि पता लगाया जा सके कि किन-किन लोगों की किसके के साथ बातचीत हुई है। जिस तरह से आतंकियों ने सैन्य वाहन को निशाना बनाया, उससे साफ पता चलता है कि आतंकियों ने पूरी रणनीति के तहत इस वारदात को अंजाम दिया है। साथ ही उन्हें स्थानीय स्तर पर मदद मिली है। हालांकि, स्थानीय स्तर पर आतंकियों की मदद करने वालों तक एनआईए नहीं पहुंची पाई है।