*प्रमोद मिश्रा, राजस्थान, 12 मई 2023:राजस्थान में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्ताधारी कांग्रेस में घमासान जारी है। इसी बीच पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के तेवर ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ऐसा लग रहा पार्टी अब आर-पार के मूड में आ गई है।राजस्थान में कांग्रेस के अंदर सचिन पायलट और अशोक गहलोत (Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot) के बीच सालों से जारी तकरार पर अब शायद अंतिम फैसले का वक्त आ गया है। माना जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव परिणाम के बाद पार्टी नेतृत्व इसे लेकर कोई कड़ा फैसला ले सकता है। फैसला क्या होगा, इस बारे में अभी कोई अंदाजा नहीं मिला है। हालांकि संकेतों के अनुसार अशोक गहलोत की कुर्सी को कोई खतरा नहीं है और विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा
पायलट को लास्ट चांस के आसार!
उधर, सचिन पायलट को एक अंतिम समझौता फॉर्मूला दिया जा सकता है। अब वह इसे मानते हैं या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा। अभी तक इस बारे में भी जानकारी नहीं मिली है कि उन्हें क्या फॉर्मूला दिया जाएगा और क्या वह अशोक गहलोत को मंजूर होगा?
दिल्ली में रंधावा ने बुलाई बैठक
राज्य में जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने दिल्ली में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और सह प्रभारियों की बैठक बुलाई है। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी शामिल होंगे। सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन, अमृता धवन और वीरेंद्र राठौड़ उपस्थित होंगे।
आखिर कहां फंस रहा पेंच
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भ्रष्टाचार और पेपर लीक के मुद्दों लेकर अजमेर से जयपुर तक पदयात्रा निकाल रहे हैं। पायलट के करीबी विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने भी पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा कि रंधावा पार्टी की राज्य इकाई में तालमेल कराने में विफल रहे हैं।