आप का भूपेश सरकार पर निशाना: छत्तीसगढ़ में 9 हजार करोड़ से ज्यादा का शराब घोटाला, अपने चहेतों को पहुंचाया लाभ

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा,

रायपुर,

16 मई 2023

 

 

 

छत्तीसगढ़ में सोमवार का दिन घोटाले के नाम रहा। जहां बीजेपी ने भूपेश सरकार में गोठान में 1300 करोड़ घोटाला किए जाने का आरोप लगाया, तो कांग्रेस ने पलटवार करते हुए बीजेपी के रमन सरकार में 4400 करोड़ के शराब घोटाले का आरोप लगाया। इस घोटाले की जंग में अब छत्तीसगढ़ आम आदमी पार्टी भी कूद पड़ी है। आप के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कई बड़े खुलासे किए। इस संबंध में आप ने इस घोटाले से जुड़े मामले के कागजात और वीडियो फुटेज भी दिखाए। 

कोमल हुपेंडी ने 3 वर्षों से छत्तीसगढ़ में हो रही शराब की अवैध बिक्री कर करोड़ों-अरबों की काली कमाई कर रही छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार पर निशाना साधते हुए कई अहम सबूतों के साथ इस शराब घोटाले का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके सहयोगियों की ओर से छत्तीसगढ़ की भोली-भाली जनता को नशे की लत डाल अपना, अपने चहेतों और अपने आकाओं का घर भरा जा रहा है।

कई जगह शिकायत की, नहीं हुई कार्रवाई’
हुपेंडी ने कहा कि पार्टी के सहसचिव अभिषेक जैन ने पिछले 3 वर्षों से लगातार मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति, शासन में बैठे जवाबदार अधिकारियों से लेकर ब्यूरोक्रेसी तक को पूरे सबूतों के साथ शिकायत भेजा, लेकिन छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार काली कमाई करने में इतनी व्यस्त थी कि सभी शिकायतों को दरकिनार कर दिया। आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ में शराब की अवैध बिक्री को लेकर कलेक्टर महासमुंद का घेराव भी किया गया, लेकिन शासन-प्रशासन में पर बैठे रसूखदारों के चलते कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी विरोध दर्ज कराती रही।

ऐसे खुला घोटाले का राज
उन्होंने कहा कि पार्टी के सहसचिव अभिषेक जैन ने पहली शिकायत 02 जुलाई 2020 को कलेक्टर महासमुंद से की गई, जिसमें जिले के सरकारी शराब दुकानों में अवैध रूप से बिना परमिट के डुप्लीकेट सरकारी हॉलमार्किंग वाली शराब उत्पादक से सीधे शराब दुकानों में खाली होती है और बिना स्कैनिंग के उसे बेचा जाता है। जबकि ”छत्तीसगढ़ शासन के आबकारी नियम के अनुसार उत्पादक से शराब की पेटियां अधिकृत वाहनों से सीधे संबंधित क्षेत्र के वेयरहाउस पहुंचाया जाता है। जिसके बाद आवश्यक परिक्षण और स्टाक मिलान के बाद “पहले आना पहले जाना” के आधार पर क्षेत्र के शराब दुकानों में पहुंचाया जाता है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत शासकीय शराब दुकानों के ऑर्डर वैल्यू का भुगतान सम्बंधित जिला आबकारी अधिकारी द्वारा किए जाने के बाद परमिट जारी किया जाता है, तब जाकर शराब से भरी वाहनों को दुकानों के लिए रवाना किया जाता है।” लेकिन इस पर भी प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया, जिसके बाद पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं द्वारा शराब दुकानों में आपूर्ति किए जा रहे वाहनों की लगातार जांच की गई और छत्तीसगढ़ में किए जा रहे शराब घोटाले के साक्ष्य जुटाए गए।

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घूमाते रहे अधिकारी, नहीं मिली जानकारी’
हुपेंडी ने बताया कि 3 अक्टूबर 2020 को शाम 4.45 बजे वाहन क्रमांक CG.25.G.9155 में 800 पेटी देशी मदिरा लाया गया। इस दौरान जब पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने ड्राइवर से परमिट के बारे में पूछा गया तो वह गाड़ी छोड़कर गायब हो गया। उसके बाद दुकान के सुपरवाइजर कमलेश पाण्ड़े से पूछा गया तो वह गोल-मोल जवाब देने लगे और अधिकारियों को फोन करके सूचना दिया कि अभिषेक जैन द्वारा परमिट पूछा जा रहा है। जिससे अधिकारी तुंरत हडबड़ा कर फर्जी परमिट बनाने में जुट गए। लगभग 7.15 बजे परमिट लेकर उप-निरीक्षक (मधुकर) व इंस्पेक्टर (शुक्ला) पहुंचे, तब अभिषेक ने मांग कि इस मदिरा की पेटियों का बारकोड स्कैन करके बताया जाए, लेकिन वह नहीं करवा पाए। जिसके बाद अभिषेक ने जिला आबकारी अधिकारी मंजू कासरे को पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए कार्रवाई करने की मांग की गई, लेकिन अधिकारी ने टाल मटोल कर गुमराह कर दिया। जिसके बाद गाड़ी की तहकीकात की तो उन्होंने जानकारी दी कि यह गाडी महासमुन्द वेयरहाउस से 4.30 बजे निकली है। जिसका सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग की, तो उक्त दोनों अधिकारियों ने फुटेज दिखाने से मना कर दिए।

आप प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि मामले को लेकर पार्टी के सह सचिव अभिषेक जैन ने तत्कालीन कलेक्टर कार्तिकेय गोयल को लगभग 5.00 बजे फोन करके इसकी सूचना देनी चाही, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। जिसके बाद उपरोक्त वाहन का लगभग 2 बजे से 5 बजे के अंतराल का जीपीआरएस लाइव लोकेशन निकाला तो उसमें पाया कि उपरोक्त बिना परमिट जारी वाहन उत्पादक, छत्तीसगढ़ डिसलरी, केडिया, कुम्हारी जिला दुर्ग से निकलकर शाम 4.03 पर रसनी टोल प्लाजा आरंग को क्रास किया और उसके बाद यह वाहन 04.45 को 30 किलोमीटर का सफ़र तय कर सीधे देशी शराब दूकान, दलदली रोड, महासमुंद में पहुची और शराब की पेटिया बिना स्कैन किए खाली हुई।

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