• सिमगा के फैसरी का रहने वाला है ये मजदूर परिवार
प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 30 मई 2023
मां के गर्भ में गंदा पानी पीने की वजह से एक मासूम को 30 में से 26 दिनों तक वेंटीलेटर पर रखा गया. इसके बाद 4 दिन बिना वेंटीलेटर के अब मासूम को 1 महीने बाद अस्पताल से डिस्चार्ज करने की तैयारी है. 1 माह की मासूम आकांक्षा पिछले 30 दिनों से महादेवघाट रोड़ स्थित ओम हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत से लड़ रही थी. अस्पताल में मासूम का पूरा इलाज आयुष्मान कार्ड से हुआ.
अस्पताल के डायरेक्टर डॉ कमलेश अग्रवाल ने बताया कि अन्य अस्पताल में डिलीवरी के बाद मासूम को ओम हॉस्पिटल लाया गया था. यहां उसे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राम प्रकाश साहू ने पूरा ट्रीटमेंट किया और हर दो घंटे में वे लगातार मासूम की तबीयत का अपडेट घर से भी लेते रहते थे. उक्त मासूम के पिता रोहित धृतलहरे सिमगा के ग्राम फैसरी में रहते है और मजदूरी कर अपने घर का पालन-पोषण करते हैं ।
1 महीने से घर नहीं गया, हॉस्पिटल पहुंचा तो लगा बेटी नहीं रही
आकांक्षा के पिता रोहित धृतलहरे कहते है कि डिलीवरी के बाद जब से वे अस्पताल पहुंचे है तब से 1 महीने हो गए वो अपने घर नहीं गए है. अस्पताल में ही उन्होंने पूरा एक महीना निकाल लिया. वे कहते है कि जब बेटी को ओम हॉस्पिटल लेकर पहुंचे तो उन्हें एक बार के लिए ये लगा था कि बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही. लेकिन डॉक्टरों की मेहनत और उन्हीं के भरोसे की वजह से उनकी बेटी ने जिंदगी की जंग जीत ली है और वे अब बेटी को अपने घर ले जाने के लिए तैयार है. उन्होंने बताया कि अस्पताल के नर्सिंग स्टॉफ ने बेटी का नाम अनन्या रखा है, लेकिन उनकी पत्नी निर्मला और वो चाहते है कि बेटी का नाम वे आकांक्षा रखे ।