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छत्तीसगढ़:पुरखों के नाम पर सियासत, सीएम बघेल की छत्तीसगढ़िया कार्ड की BJP पुरखौती यात्रा से तलाश रही काट

प्रमोद मिश्रा, 6 जून 2023

रायपुर। Raipur News छत्तीसगढ़ में गाय, गोबर, राम और रामायण की राजनीति के बाद पुरखों के नाम पर सियासत शुरू हो गई है। आदिवासी सम्मान के नाम पर भाजपा पुरखौती यात्रा निकाल रही है, तो कांग्रेस की तरफ से मोर्चा आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने संभाला है। भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता रहे साय अब कांग्रेस के पाले में है और भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में आदिवासियों के अपमान का मुद्दा लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। भाजपा के कार्यकाल में भवनों और योजनाओं के नामकरण को लेकर भी कांग्रेस सवाल कर रही है। इसमें बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी नायकों की जगह भाजपा के पितृ पुरुषों के नाम पर योजनाएं शुरू की गई। चुनाव साल में यह राजनीति इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़िया कार्ड चला है।

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को मुद्दा बनाकर काम शुरू हुआ था। मुख्यमंत्री निवास में हरेली, राजधानी में राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव, छत्तीसगढ़िया खेलों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक शुरू किया गया। कांग्रेस सरकार ने भवनों का नामकरण भी छत्तीसगढ़ के महापुरुषों के नाम पर शुरू किया। कांग्रेस की इस मुहिम में जब भाजपा पिछड़ती नजर आने लगी तो चुनाव में छह महीना पहले पुरखौती सम्मान यात्रा निकालने का फैसला किया गया। यह यात्रा प्रदेश के चारों कोनों से महापुरुषों की जन्म स्थली से शुरू की जाएगी।

संस्कृति और छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को बनाया हथियार

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संस्कृति और छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को लेकर चलाए जा रहे अभियान की काट भाजपा के पास नजर नहीं आ रही है। मजदूर दिवस पर बोरे-बासी खाकर मुख्यमंत्री ने एक नए वर्ग काे साधने की कोशिश की। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश की संस्कृति को संरक्षित करने के लिए जितने भी अभियान चलाए, भाजपा ने उसका विरोध किया। जब भाजपा सरकार में थी, तब सरकारी भवनों का नाम भाजपा के पितृ पुरुष दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखा गया। अब जनता को गुमराह करने के लिए पुरखौती यात्रा निकाली जा रही है।

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नाम बदले की पहले हो चुकी है राजनीति

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद संस्थाओं और योजनाओं का नाम बदलने का काम हुआ था। भाजपा नेताओं के नाम पर चल रही योजनाओं को बदलकर कांग्रेस नेताओं और छत्तीसगढ़ के महापुरुषों मिनी माता और शहीद वीरनारायण सिंह के नाम पर किया गया था। कांग्रेस सरकार ने जगदलपुर स्थित बलीराम कश्यप मेडिकल कालेज का नाम बदलकर कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के नाम पर कर दिया था।

इन योजनाओं के बदले गए हैं नाम

– पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना का नाम बदलकर राजीव गांधी स्वावलंबन योजना किया गया।

– पं. दीनदयाल उपाध्याय सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना का नाम डा. बीआर आंबेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना किया गया।

– पं. दीनदयाल उपाध्याय एलईडी पथ प्रकाश योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी एलईडी पथ प्रकाश योजना किया गया।

– पं. दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना का नाम राजीव गांधी आजीविका केंद्र किया गया।

– पं. दीनदयाल उपाध्याय शुद्ध पेयजल योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी शुद्ध पेयजल किया गया।

– राजमाता विजयाराजे कन्या विवाह योजना का नाम बदलकर मिनीमाता कन्या विवाह योजना किया गया।

– पं. दीनदयाल उपाध्याय अन्न श्रम सहायता योजना का नाम शहीद वीर नारायण सिंह श्रम सहायता योजना किया गया।

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