प्रमोद मिश्रा, 8 जून 2023
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदेश के 33 जिलों से रथ यात्रा निकली हुई है और इस यात्रा की शुरुआत जांजगीर जिले के शिवरीनारायण से 15 मई को हुई थी। आज यह नियमितीकरण रथ बालोद पहुंची तो नियमितीकरण की मांग को हवा मिली तो सैंकड़ों की संख्या में बालोद नया बस स्टैंड में अनियमित कर्मचारी पहुंचे हैं। सरकार को जमकर कोसा।
बघेल सरकार को अनियमित कर्मचारियों ने दी चेतावनी
संविदा कर्मचारी ओपी साहू जो की मनरेगा के सहायक कार्यक्रम अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि संविदा हमे कहते हैं पर असल में संविदा तो वो सरकारें हैं जो 5 साल के लिए आती हैं, उन्हें नियमित सरकार में रहना है तो हमें नियमित करना होगा। अनियमित कर्मचारियों ने शहर में रथ के साथ रैली निकाली और मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था वादा
महासंघ के बालोद जिले के सचिव रितेश गंगबेर ने बताया कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र बनाकर हम सभी संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया था। इसके बाद चुनाव में भारी बहुमत से जीतकर कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में सरकार बनाई। कर्मचारी प्रवीण ठाकुर और तोमन आरदा ने कहा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 14 फरवरी 2019 को कर्मचारियों के मंच पर आकर यह घोषणा की थी कि यह वर्ष किसानों का है, अगला वर्ष आप कर्मचारियों का होगा। लेकिन आज तक इस बात पर कभी अमल नहीं किया गया। ओपी साहू ने कहा सरकारें सब के लिए कर रही हैं तो हमने क्या किया है। अगर कोई फैसला नहीं लिया गया तो हम अनिश्चित कालीन हड़ताल करने पर उतारू हो जायेंगे।
बालोद जिले के प्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष देवलाल ठाकुर अनियमित कर्मचारियों का समर्थन देने उनके मंच पर पहुंचे। इस दौरान देवलाल ठाकुर ने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ में जब घोषणा पत्र बनाने की बात आई तो सिंह देव जी बालोद आए थे। उसी समय मैं जिला पंचायत अध्यक्ष था। मैंने देखा है कि एक नियमित कर्मचारियों के बराबर और उससे ज्यादा आप सब काम करते हैं। आपने कभी खुद से नियमित कारण नहीं मांगा था। यह सरकार का वादा था। सभी से राय लेकर घोषणा पत्र बनाया गया था और आपकी ही बदौलत सरकार सट्टा संचालित है और सरकार को तो आप सभी की मांगों को पूरा करना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि अब सरकार आपके हाथ में है। आने वाला समय चुनाव की तारीखों का है। आपको भी अपने होने का एहसास सरकार को कराना होगा। उनके साथ वरिष्ठ आदिवासी नेता शरद ठाकुर भी मौजूद रहे।